भारतीय मूल के शोधकर्ता ने चेताया, एक जुलाई तक भारत में होंगे कोरोना के छह लाख केस
अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के शीर्ष शोधकर्ता भ्रमर मुखर्जी (Bhramar Mukherjee) ने कहा है कि भारत में एक जुलाई कोरोना के छह लाख मामले हो जाएंगे।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत में कोरोना के अब तक चार लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। एक जुलाई तक इसके छह लाख तक पहुंच जाने की आशंका है। अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के शीर्ष शोधकर्ता भ्रमर मुखर्जी (Bhramar Mukherjee) ने कहा है कि इसे रोकने के लिए भारत में व्यवस्थित योजना नहीं बनाई गई है। मुखर्जी ने कहा कि वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए इस मोड़ पर और अधिक तेजी से परीक्षण की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी आबादी के लगभग 0.5 फीसद लोगों का परीक्षण किया है, जबकि दुनियाभर में जनसंख्या के लगभग चार फीसद लोगों का परीक्षण किया गया है। हम वहां जल्द नहीं पहुंच रहे हैं। 60 लाख परीक्षणों से लेकर पांच करोड़, 40 लाख परीक्षणों तक पहुंचने में लंबा वक्त लगेगा। इसलिए हमें वैकल्पिक आरटी-पीसीआर परीक्षणों की आवश्यकता है।
भ्रमर मुखर्जी ने कहा कि हाई टेक या महंगी रणनीतियों के अभाव में हमें लक्षण की निगरानी, तापमान जांच, ऑक्सीजन जांच और संपर्क डायरी बनाने की आवश्यकता है। मुखर्जी ने कहा, हमें यह जानने के लिए एक बड़े जनसंख्या आधारित सीरो-सर्वेक्षण की आवश्यकता है कि किस हिस्से में लोग वास्तव में संक्रमित हो गए हैं। नौ सप्ताह तक कठोर प्रतिबंध के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में भारत इस समय दुनिया में चौथे स्थान पर है।
उन्होंने (Bhramar Mukherjee) कहा कि अन्य देशों में देखा गया है कि लॉकडाउन खत्म होने के तीन-चार सप्ताह के भीतर नए सक्रिय मामले सामने आने कम हो जाते हैं। लेकिन, दुर्भाग्य से भारत में नए मामलों का ग्राफ नहीं गिर रहा है। इसका एक बड़ा कारण राज्य स्तर की विषमता है। हमने वायरस को कम कर दिया है, लेकिन इसे खत्म नहीं किया है। बता दें कि देश में रविवार को एक दिन में सर्वाधिक 15413 नए मामले सामने आए जिसके बाद कुल केस 4,10,461 हो गए हैं।