Republic Day Parade 2022: उत्तर प्रदेश को मिला सर्वश्रेष्ठ राज्य झांकी का खिताब, यहां देखें पूरी लिस्ट
रक्षा मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ झांकियों की सूची जारी कर दी है। इस बार गणतंत्र दिवस परेड 2022 की सर्वश्रेष्ठ राज्य झांकी का खिताब उत्तर प्रदेश को मिला है। जबकि लोकप्रिय पसंद श्रेणी में महाराष्ट्र को खिताब मिला है। साथ ही CISF को CAPF में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल चुना गया है।
नई दिल्ली, एएनआइ: देश के 73वें गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर निकली झांकियों ने इस बार भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। अब रक्षा मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ झांकियों की सूची जारी कर दी है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस बार गणतंत्र दिवस परेड 2022 की सर्वश्रेष्ठ राज्य झांकी का खिताब उत्तर प्रदेश को मिला है। जबकि, लोकप्रिय पसंद श्रेणी में महाराष्ट्र को खिताब मिला है। साथ ही CISF को CAPF में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल चुना गया है।
दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारतीय नौसेना को सेवाओं में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल के रूप में चुना गया है। साथ ही लोकप्रिय पसंद श्रेणी में भारतीय वायु सेना को चुना गया है। वहीं, शिक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को संयुक्त विजेता घोषित किया गया है।
Uttar Pradesh selected as best state tableau of Republic Day parade 2022; Maharashtra wins in the popular choice category; CISF named best marching contingent among CAPF: Defence Ministry pic.twitter.com/oyrMRDebbp— ANI (@ANI) February 4, 2022
बता दें कि, इस बार उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर को दर्शाया गया था। साथ ही यूपी सरकार की स्किल डिवलेपमेंट की योजनाएं जैसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को पेश किया गया था। इसके अलावा, गो-माता की झलक भी देखने को मिली थी। झांकी के पिछले हिस्से में काशी विश्वनाथ धाम विश्व की प्राचीन नगरी वाराणसी के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करता हुआ दिखाया गया।
वाराणसी शहर का नाम वरुणा और अस्सी दो नदियों से बना है। भगवान विश्वेश्वर का ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ धाम में पूजनीय है, जो शहर के बीचोबीच स्थित है और मोक्ष्यदानी मां गंगा के पश्चिमी घाट पर स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से आध्यात्मिक तत्वज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंदिर का निर्माण इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 ई. में करवाया था।