Article 370: प्रशासन ने कहा- अफवाहों पर न दें ध्यान, घाटी में हेल्थकेयर और दवाईयों की कोई कमी नहीं
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ट्वीट कर हेल्थ केयर से जुड़े कुछ आंकड़ों को भी ट्वीटर पर शेयर किया और इस बात का सबूत दिया कि घाटी को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
श्रीनगर, एएनआइ। जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से शनिवार को जानकारी दी गई कि घाटी में हालात सामान्य हैं, लोग झूठी खबरों व अफवाहों पर विश्वास न करें। साथ ही प्रशासन ने ऐसी रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिसका दावा है कि यहां दवाईयों या हेल्थकेयर की कमी है।
सामान्य हैं स्वास्थ्य सेवाएं
अनुच्छेद 370 के हटाए जाने व जम्मू कश्मीर के पुनगर्ठन के विरोधियों द्वारा घाटी को लेकर तमाम तरह की अफवाहें व झूठी खबरों को फैलाया जा रहा है। प्रशासन ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘श्रीनगर हेल्थ सर्विसेज सामान्य रूप से काम कर रही है। झूठी खबरों व अफवाहों पर ध्यान न दें। 5 अगस्त से अब तक यहां के अस्पतालों में करीब 5000 बड़ी सर्जरी की गई है।’
ट्वीट किया आंकड़ा
एक ट्वीट में कहा गया, ‘सौरा के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS), बेमिना के मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के अलावा गर्वंमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) से संबद्ध तमाम अस्पतालों में सर्जरियां की गई। कश्मीर का मुख्य मैटरनिटी हॉस्पीटल ‘लाल डेड हॉस्पीटल’ में इस दौरान करीब 1200 सर्जरियां की गई। सूचना और जनसंपर्क निदेशालय (DIPR) ने बताया, ‘तमाम अस्पतालों में सर्जरियों के अलावा सामान्य स्वास्थ्य सुविधाए मरीजों को उपलब्ध कराई गई। इन अस्पतालों में करीब 95000 मरीज अपने ओपीडी में और 10 हजार से अधिक आइडीपी (In-patient department) में इलाज के लिए भर्ती हुए।’ निदेशालय ने आगे बताया, ‘इसमें करीब 5500 एक्स–रे, 6000 USGs, 2000 ECGs, 2000 CT Scans, 220 MRIs आदि भी की गई।’
अस्पतालों को प्रशासन की ओर से फंडिंग
प्रशासन ने बताया कि यहां के अस्पतालों को फंड मुहैया कराया जा रहा है ताकि अतिरिक्त दवाईयां लाई जा सके। साथ ही प्रशासन की ओर से हेल्थकेयर संस्थानों में स्टाफों की मौजूदगी की भी सख्ती से निगरानी की जा रही है। DIPR के अनुसार इस पूरी अवधि में 95 फीसद स्टाफ मौजूद रहे हैं। DIPR ने कहा, ‘कुल मिलाकर दवाईयों या हेल्थकेयर की कमी बताने वाली खबरें पूरी तरह आधारहीन है।’ इस माह के शुरुआत में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पारित कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया।
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