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गणतंत्र दिवस की परेड में दिखाई जाएगी अयोध्या की झांकी, राम मंदिर की प्रतिकृति से सजेगा यूपी का शोकेस

18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने परेड में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियों का प्रदर्शन किया। यहां तैयारियों में लगे उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि अयोध्या हमारे लिए पवित्र नगरी है और राममंदिर हर आस्थावान के लिए श्रद्धा का विषय है।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 10:05 PM (IST)
गणतंत्र दिवस की परेड में दिखाई जाएगी अयोध्या की झांकी, राम मंदिर की प्रतिकृति से सजेगा यूपी का शोकेस
अग्र भाग में महर्षि वाल्मीकि और पीछे की तरफ होगी मंदिर की प्रतिकृति

नई दिल्ली, प्रेट्र। गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तर प्रदेश का शोकेस पौराणिक शहर अयोध्या की विरासतों और राम मंदिर की प्रतिकृति से सजेगा। इसके साथ ही दीपोत्सव की भव्यता, रामायण के प्रेरक प्रसंगों पर आधारित झांकी भी प्रदर्शित की जाएगी। सजी झांकी के अग्र भाग में महर्षि वाल्मीकि और पीछे की तरफ मंदिर की प्रतिकृति होगी।

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18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने परेड में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियों का प्रदर्शन किया। यहां तैयारियों में लगे उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि अयोध्या हमारे लिए पवित्र नगरी है और राममंदिर हर आस्थावान के लिए श्रद्धा का विषय है। इस प्राचीन नगरी की प्राचीन विरासत की झांकी का प्रदर्शन होगा। झांकी में भगवान राम के प्रतिरूप के साथ कलाकारों का दल होगा। पीली रेशमी धोती और रुद्राक्ष की माला धारण कर भगवान राम का स्वरूप धरने वाले अजय कुमार कहते हैं कि मैं बहुत खुश हूं कि अयोध्या की विरासत यूपी के शोकेस में दिखेगी और मैं राम के रूप मे रहूंगा। चंदौली के लक्ष्मणगढ़ निवासी कुमार कहते हैं, हम राजपथ पर अयोध्या की विरासत को शोकेस के रूप में देखने का बेहद उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। झांकी में एक तरफ अयोध्या में दीपोत्सव समारोह का जगमगाते लैंप के जरिये उतारा जाएगा तो दूसरी तरफ निषादराज गृह, शबरी के बेर, पाषाण अहिल्या, संजीवनी लाते हनुमान, जटायु राम संवाद और अशोक वाटिका के दृश्य होंगे।

बता दें, नौ नंवबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान कर दिया था और वहां पर राम मंदिर बन रहा है। वहीं अयोध्या में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन की व्यवस्था का आदेश दिया था। विवादित स्थल के राम मंदिर होने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को अयोध्या में भूमि पूजन किया था। मंदिर का निर्माण 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।


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