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सभी राज्यों में जरूरत के हिसाब से 16 मई से Remdesivir का किया जाएगा आवंटन

देश के प्रत्येक राज्य में रेमडेसिवीर की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आवंटन किया जाएगा। इस इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 16 मई से सभी राज्यों में इसका वितरण किया जाएदा। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी. सदानंद गौड़ा ने इसकी जानकारी दी है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 01:49 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 01:49 PM (IST)
सभी राज्यों में जरूरत के हिसाब से 16 मई से Remdesivir का किया जाएगा आवंटन
सभी राज्यों में जरूरत के हिसाब से 16 मई से रेमेडिसविर का किया जाएगा आवंटन

नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना के इलाज में इस्तेमाल किया जाने वाले इंजेक्शन 'रेमडेसिवीर' की मांग लगातार देश में बढ़ रही है। बढ़ती मांग के बीच देश में इसकी कालाबाजारी की खबरें भी लगातार सामने आ रही है। देश में पैदा हुए रेमेडिविर की कमी को ध्यान में रखते हुए अन्य देशों ने भी मदद के लिए भारत की तरफ हाथ बढ़ाएं हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, अब देश के प्रत्येक राज्य में रेमडेसिवीर की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आवंटन किया जाएगा। इस इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 16 मई से सभी राज्यों में इसका वितरण किया जाएदा। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी. सदानंद गौड़ा ने इसकी जानकारी दी है। 

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गौड़ा ने एक सूची के साथ एक आधिकारिक अधिसूचना साझा की है, जिसमें कहा गया कि रेमडेसिवीर के 5,30,0000 शीशियों को 21 अप्रैल से 16 मई के बीच राज्यों को आवंटित किया गया है। बता दें कि इससे पहले, गौड़ा ने कोविड उपचार और अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया था कि महामारी के मद्देनजर 3 मई से 9 मई के बीच रेमडेसिवीर के 16.5 लाख शीशियों को राज्यों को आवंटित किया गया था। इस बैठक के दौरान गौड़ा ने कहा था कि रेमडेसिवीर के सभी सात निर्माताओं के उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 1.03 करोड़ शीशी प्रति माह करने की कोशिश की है, जो एक महीने पहले 38 लाख शीशियों से अधिक थी। यह बढ़ी हुई क्षमता इंजेक्शन की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाएगी।

बता दें कि देश में इस वक्त कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते संकट पैदा गया है। ऑक्सीजन संकट, रेमडेसिवीर की कमी लगातार बनी हुई है। ऐसे में प्रशासन इस विपदा को नियंत्रित करने में लगा हुआ है। लगातार अन्य देशों से भी इस इंजेक्शन सहित काफी संख्या में मेडिकल उपकरण भेजे जा रहे हैं। देश में रेमडेसिवीर की कमी के चलते इसकी कालाबाजारी भी बढ़ने लगी। इस पर लगाम लगाने के लिए भी प्रशासन सख्त हुआ और इसकी ब्रिकी प्रक्रिया में बदलाव किया ताकी इसकी कालाबाजारी पर ब्रेक लगाया जा सके।

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड की मांग पर भारतीय रेल के सभी जोन में कुल 7500 रेमडेसिवीर इंजेक्शन खरीदने की इजाज़त दे दी थी। यह रेमडेसिवीर इंजेक्शन सिपला कंपनी से खरीदे जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधक को निर्देश दिया था कि वह अपनी तरफ से आवंटन के हिसाब से सिपला कंपनी को रेमडेसिवीर इंजेक्शन का ऑर्डर दे दें।


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