संबित पात्रा को छत्तीसगढ़ की रायपुर हाई कोर्ट से मिली राहत तो भाजपा ने कांग्रेस को दिखाया आईना
छत्तीसगढ़ में रायपुर के सिविल लाइन व भिलाई थाना में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज एफआइआर को हाई कोर्ट ने रद करने का आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले से भाजपा को सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया है।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में रायपुर के सिविल लाइन व भिलाई थाना में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज एफआइआर को हाई कोर्ट ने रद करने का आदेश दिया है। सोमवार को आए कोर्ट के इस फैसले से भाजपा को सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया है। पार्टी ने कांग्रेस पर झूठ बोल कर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सत्य की हुई विजय
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सत्य की विजय बताया है। उन्होंने कहा कि जितनी तत्परता सीएम बघेल ने डॉ. पात्रा के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराने में दिखाई थी, उसका चौथाई भी अगर प्रदेश की व्यवस्था संभालने में लगाते तो छत्तीसगढ़ की ऐसी दुर्दशा नहीं होती। कांग्रेस ने देश को अपने झूठ से हमेशा गुमराह करने का काम किया है और इसलिए निचली अदालतों से लेकर ऊपरी अदालतों तक में कांग्रेस के छोटे से बड़े नेता तक माफी मांगकर अपने सियासी वजूद को बचाते फिर रहे हैं।
बता दें कि डा. पात्रा के साथ ही दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ कांकेर में एफआइआर की गई थी। कोर्ट ने दोनों एफआइआर रद करने का आदेश देते हुए माना है कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण नहीं बनता है। राजनीतिक दबाव में उन पर मामला दर्ज किया गया प्रतीत होता है। ------- यह है मामला 12 मई 2020 में छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णचंद्र पाढ़ी ने रायपुर के सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत की थी। इसमें कहा था कि संबित पात्रा ने 10 मई को ट्वीट करके दो पूर्व प्रधानमंत्रियों पंडित जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी पर कश्मीर मसले, 1984 सिख दंगों और बोफोर्स घोटाले को लेकर झूठा आरोप लगाया था। जबकि दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों को किसी न्यायलय द्वारा भ्रष्टाचार और दंगों से संबंधित किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है।