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कर्नाटक के किसानों से रिलायंस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदा धान

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने सिंधनूर स्थित एग्रो कंपनी के जरिये कर्नाटक के 1100 किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी अधिक कीमत पर एक हजार क्विंटल धान खरीदने के लिए एक समझौते पर दस्तखत किए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 01:27 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 01:27 AM (IST)
1100 किसानों ने की एक हजार क्विंटल 'सोना मंसूरी' धान की बिक्री।

बेंगलुरु, आइएएनएस। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) की रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने सिंधनूर स्थित एग्रो कंपनी के जरिये कर्नाटक के 1,100 किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी अधिक कीमत पर एक हजार क्विंटल धान खरीदने के लिए एक समझौते पर दस्तखत किए हैं।

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एपीएमसी एक्ट में संशोधन के बाद कंपनी और किसानों के बीच हुई डील

रविवार को एक अधिकारी ने बताया कि रिलायंस ने कर्नाटक के रायचूर जिले में सिंधनूर तालुक के किसानों से धान (सोना मंसूरी वैरायटी) की 1000 क्विंटल की खरीद कर बड़ी राहत दी है। कर्नाटक में एपीएमसी एक्ट में संशोधन के बाद किसी बड़ी कंपनी और किसानों के बीच पहली बार इस तरह की डील हुई है। कंपनी ने सोना मंसूरी धान के लिए 1950 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य की पेशकश की है, जो कि सरकार के तय एमएसपी रेट (1868 रुपये) से 82 रुपये ज्यादा है।

एमएसपी से भी अधिक मूल्य पर बेचने की आजादी

स्वास्थ्य फार्मर्स प्रोड्यूसिंग कंपनी एसएफपीसी के प्रबंध निदेशक वी. मल्लिकार्जुन ने बताया कि बेंगलुरु से 420 किमी दूर रायचूर के सिंधनूर में हाल में संशोधित कर्नाटक एग्रीकल्चर मार्केटिंग कमेटी (केएपीएमसी) एक्ट, 2020 के तहत किसानों से समझौता किया गया है। इस कानून के तहत किसानों को अपना उत्पाद सरकारी मंडियों के इतर कहीं भी बेचने और एमएसपी से भी अधिक मूल्य पर बेचने की आजादी मिलती है। चूंकि समझौते पर दस्तखत हो चुके थे, इसलिए किसानों ने विगत शनिवार तक रिलायंस रिटेल को करीब सौ टन धान दे दिया। इस धान को सरकार के एफसीआइ के गोदाम में रखा गया है। शेष 900 टन धान की आपूर्ति किसान सौ रुपये प्रति टन के भाव से 9-10 दिनों में रिलायंस रिटेल के गोदाम में पहुंचा देंगे।

तेल का व्यापार करने वाली कंपनी ने अब धान की खरीद-बिक्री भी शुरू की

बता दें कि रिलायंस के रजिस्टर्ड एजेंट्स ने एक पखवाड़े पहले एसएफपीसी के साथ समझौता किया था। पहले सिर्फ तेल का व्यापार करने वाली कंपनी ने अब धान की खरीद-बिक्री भी शुरू की है। लगभग 1100 धान किसान इसके साथ पंजीकृत हैं। रिलायंस रिटेल के अनुबंध के मुताबिक, फसल में 16 फीसद से भी कम नमी रहनी चाहिए।

एसएफपीसी को 1.5 फीसद का कमीशन मिलेगा

इससौदे के मुताबिक, प्रति 100 रुपये के ट्रांजैक्शन पर एसएफपीसी को 1.5 फीसद का कमीशन मिलेगा। किसानों को फसल को पैक करने के लिए बोरे के साथ ही सिंधनूर स्थित वेयरहाउस तक ट्रांसपोर्ट का खर्च भी वहन करना होगा। 


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