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बुजुर्गों पर दोबारा हो सकता है कोरोना वायरस का हमला, अध्‍ययन में हुए खुलासे

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन डिपार्टमेंट द्वारा संचालित स्‍टडी के अनुसार50 साल से अधिक उम्र वालों में एंटीबडीज काफी तेजी से कम हो रहे हैं। यह अध्‍ययन संक्रमण से स्‍वस्‍थ हो लौटे 800 लोगों पर किया गया।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 10:35 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 10:35 AM (IST)
प्‍लाजमा डोनेट करने आए 800 लोगों पर किया गया अध्‍ययन

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। बुजुर्गों में इम्‍यून तो कम होता ही है यदि कोविड-19 के लिए एंटीबडीज का निर्माण भी होता है तो यह अधिक दिनों तक नहीं रह सकता है, इसलिए इनपर दोबारा घातक कोरोना वायरस का हमला हो सकता है। कोविड-19 संक्रमण से स्‍वस्‍थ हो लौटे 800 लोगों पर किए गए अध्‍ययन से एंटीबडीज के बारे में नए खुलासे सामने आए हैं। दरअसल एक नवीनतम अध्‍ययन में यह बात सामने आई है कि बुजुर्ग वर्ग में एंटीबडीज के कम होने की स्‍पीड अधिक होती है। 

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ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन के हेड प्रोफेसर तुलिका चंद्र के अनुसार, यह अध्‍ययन संक्रमण से स्‍वस्‍थ होने के बाद ब्‍लड व प्‍लाज्‍मा बैंक में डोनेट करने आए मरीजों पर किया गया। 800 प्‍लाज्‍मा डोन में से से 400 को इस डोनेशन के लिए अनुपयुक्‍त  बताया गया। वहीं 50 में खून की कमी थी या फिर उनका वजन काफी कम पाया गया या वे HIV पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा 70 मरीजों की कंटैक्‍ट हिस्‍ट्री थी लेकिन कभी RT-PCR प्रक्रिया में कभी पॉजिटिव नहीं आए थे। करीब 53 ऐसे लोग थे जिन्‍हें संक्रमण से स्‍वस्‍थ हुए 3 महीने से अधिक की अवधि गुजर चुकी थी। वहीं 227 डोनर ऐसे थे सभी मानकों पर खरे थे लेकिन उनके ब्‍लड में एंटीबडी मौजूद नहीं थे या फिर पर्याप्‍त मात्रा में नहीं थी। ऐसे डोनर में अधिकांश 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले लोग थे। 

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन डिपार्टमेंट द्वारा संचालित स्‍टडी के अनुसार,50 साल से अधिक उम्र वालों में एंटीबडीज काफी तेजी से कम हो रहे हैं। इसमें यह भी पता चला है कि हर आयुवर्ग में जिनमें कोविड-19 के लक्षण केवल एक दिन के लिए थे उनमें अधिक लंबे समय तक एंटीबडीज की मौजूदगी रही जबकि जो अधिक दिनों तक संक्रमण के लक्षणों से ग्रस्‍त रहे उनमें कम। यह रिसर्च कोविड-19 से स्‍वस्‍थ हुए 800 लोगों पर किया गया। ये सभी स्‍वस्‍थ होने के बाद अपना प्‍लाज्‍मा डोनेट करने आए थे। इसके अलावा अध्‍ययन में यह भी पाया गया कि स्‍वस्‍थ होने के 12 से 53 दिनों के भीतर लोगों के प्‍लाज्‍मा में मौजूद एंटीबडीज पर्याप्‍त और प्रभावी थे। 


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