पिछले दो सप्ताह में एशिया-पैसिफिक में सामने आए कोरोना के करीब 60 लाख नए मामले- रेड क्रॉस
रेड क्रॉस ने एशिया में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों पर गहरी चिंता जताई है। संगठन की तरफ से कहा गया है कि बीते दो सप्ताह में ही कई देशों मामले दोगुने हो गए हैं। इस वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ा है।
नई दिल्ली (एपी)। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस ने एशिया में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर चेतावनी दी है। रेड क्रॉस का कहना है कि पिछले दो सप्ताह के दौरान एशिया में कोरोना के नए मामलों में बेतहाशा तेजी देखने को मिली है। संगठन के मुताबिक, बीते दो सप्ताह में एशिया में कोरोना संक्रमण के करीब 60 लाख नए मामले सामने आए हैं, जो कि एक चिंता की बात है। हालांकि, संगठन ने ये भी कहा है कि इस दौरान अधिकतर मरीजों का इलाज संभव हो पाया। संगठन का कहना है कि एशिया में आए नए मामले अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में आए समूचे मामलों को मिलाकर भी कहीं अधिक हैं।
रेड क्रॉस की तरफ से चेतावनी देते हुए कहा गया है कि एशिया में लगातार मामले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से एशियाई देशों की स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव है। संगठन का कहना है कि बीते दो सप्ताह में 10 में से सात देशों में कोरोना संक्रमण के मामले लगभग दोगुने हो गए हैं। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए हुए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस ने पूरी दुनिया से एशिया समेत पैसिफिक देशों की मदद करने का आह्वान किया है।
संगठन का कहना है कि जिस तेजी से इन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की दर बढ़ रही है उस हिसाब से यहां पर अधिक संख्या में मेडिकल इक्यूपमेंट्स, जीवन बचाने की दूसरी सामग्री और वैक्सीन की सख्त जरूरत है। संगठन ने ये भी कहा है कि एशिया में बढ़ते मामलों के बीच जहां इन सभी चीजों की कमी हो रही है वहीं इनको दूर-दराज के इलाकों में पहुंचाने काफी खर्चीला है।
रेड क्रॉस एशिया पेसेफिक के डायरेक्टर एलेक्जेंडर मथाऊ का कहना है कि भारत में बीते कुछ समय में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। इसके साथ ही यहां पर जरूरी चीजों की कमी भी देखी गई है। भारत में पिछले कुछ समय से लगातार विश्व में सबसे अधिक संख्या में कोरोना संक्रमण के नए मामले सर्वाधिक देखने को आ रहे हैं। इन बढ़ते मामलों को अकेले रोकपाना शायद मुश्किल होगा।
इसके लिए दूसरे देशों को सामने आकर भारत समेत समूचे एशिया की मदद करनी होगी। उनका कहना है कि ये समय ऐसा है कि जब हर किसी को एक दूसरे के सहयोग की अपेक्षा है। इसलिए एशियाई देशों में अधिक से अधिक मेडिकल इक्वीपमेंट्स और वैक्सीन समेत अन्य सामग्री भेजनी होगी। उन्होंने कहा कि हम तभी सुरक्षित रह सकते हैं, जब सभी सुरक्षित होंगे।
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