नीरव, चोकसी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी
नीरव ने अपनी कंपनियों के जरिये 6,498.20 करोड़ और चोकसी ने 7080.86 करोड़ रुपये का पीएनबी को चूना लगाया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले को अंजाम देने के बाद देश से फरार नीरव मोदी और मेहुल चोकसी सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अब रेड कार्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी है। इसके लिए सीबीआइ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) से संपर्क साधेगी। इससे पूर्व जांच एजेंसी वैश्विक संस्था से इनके खिलाफ डिफ्यूजन नोटिस जारी करा चुकी है। वर्तमान में नीरव के लंदन में छिपे होने की खबर है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उनका कहना है, 'पीएनबी घोटाले में पिछले हफ्ते सीबीआइ ने नीरव और उसके मामा चोकसी के खिलाफ अदालत में अलग-अलग चार्जशीट दाखिल कर दिया है।' इसमें आरोप लगाया गया है कि नीरव ने अपनी कंपनियों के जरिये 6,498.20 करोड़ और चोकसी ने 7080.86 करोड़ रुपये का पीएनबी को चूना लगाया है। इसके अलावा चोकसी से जुड़ी कंपनियों के पांच हजार करोड़ के एक लोन डिफाल्ट के एक मामले की भी सीबीआइ जांच कर रही है। सूत्र बताते हैं कि अब इंटरपोल से संपर्क कर दोनों के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी कराया जाएगा। ताकि घोटाले के आरोपी किसी भी देश में छिपे हों तो उन्हें पकड़ कर देश वापस लाया जा सके।'
ध्यान रहे सीबीआइ में पीएनबी घोटाले की शिकायत से पूर्व ही जनवरी के पहले हफ्ते में नीरव परिवार सहित देश छोड़कर जा चुका था। भाई निशाल मोदी और मामा चोकसी भी उसके साथ ही फरार हुए। इसकी भनक लगते ही सीबीआइ ने इंटरपोल से फौरन डिफ्यूजन नोटिस जारी कराया। यह नोटिस किसी फरार व्यक्ति के ठिकाने का पता लगाने के लिए जारी किया जाता है। लेकिन इससे भी नीरव और अन्य आरोपियों के ठिकाने का पता नहीं चला। सूत्रों का कहना है कि इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद 192 सदस्य देशों में जहां कहीं भी ये आरोपी छिपे होंगे, उन्हें पकड़ने में आसानी होगी।
पीएनबी ने घोटाले का ब्योरा देने से किया इन्कार
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का पता लगाने के लिए हुए ऑडिट एवं अंदरुनी जांच का ब्योरा देने से इन्कार कर दिया है। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत अर्जी दाखिल कर प्रेट्र संवाददाता ने घोटाले से संबंधित अंदरुनी विभागीय जांच का ब्योरा बैंक से मांगा था।
आरटीआइ याचिका के जवाब में बैंक ने कहा है, 'घोटाले की जांच चूंकि केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। इसलिए मांगी जानकारी को साझा नहीं किया जा सकता है। आरटीआइ एक्ट की धारा 8(1)(एच) के प्रावधानों तहत ऐसा करने की छूट मिली हुई है।' आरटीआइ एक्ट की यह धारा ऐसी किसी जानकारी को साझा करने से मना करती है, जिससे जांच प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।