बागवानी फसलों की रिकार्ड पैदावार का अनुमान, आलू व प्याज समेत अन्य सब्जियों में 4.8 फीसद की वृद्धि
बागवानी फसलों की रिकार्ड पैदावार पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि यह सरकार की नीतियों और किसानों की मेहनत का नतीजा है। कृषि विज्ञानियों के बेहतर अनुसंधान और टेक्नोलाजी ने भी अहम भूमिका निभाई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जिंस बाजार में बढ़ी महंगाई के बीच बागवानी फसलों की रिकार्ड पैदावार का अनुमान है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 3.3 प्रतिशत अधिक उत्पादन की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार इस बार 33.11 करोड़ टन फल और सब्जियों का उत्पादन होगा। पिछले वर्ष के मुकाबले यह एक करोड़ टन से अधिक है। वर्ष 2020-21 के दौरान बागवानी फसलों का उत्पादन 10.30 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 10.21 करोड़ टन था। इसी तरह सब्जियों की पैदावार पिछले वर्ष के 18.83 करोड़ टन के मुकाबले इस बार 19.72 करोड़ टन होगी।
बागवानी फसलों की रिकार्ड पैदावार पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि यह सरकार की नीतियों और किसानों की मेहनत का नतीजा है। कृषि विज्ञानियों के बेहतर अनुसंधान और टेक्नोलाजी ने भी अहम भूमिका निभाई है। पोस्ट हार्वेस्ट यानी फसल कटाई या तोड़ाई के बाद होने वाले नुकसान को रोकना बागवानी क्षेत्र की बड़ी चुनौती है। बागवानी की पैदावार में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। लेकिन घरेलू स्तर पर बागवानी उपज का 16 प्रतिशत तक हिस्सा अभी भी खेत से खलिहान के बीच नष्ट हो जाता है। इसे रोकने के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए का एग्री इन्फ्रा फंड की व्यवस्था की है। इसका उपयोग शुरू कर दिया गया है।
आलू का उत्पादन रिकार्ड 5.42 करोड़ टन होने का अनुमान
उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा परेशान करने वाली जिंस प्याज का इस बार उत्पादन 2.68 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले प्याज की कुल पैदावार 2.61 करोड़ टन थी। दूसरी महत्वपूर्ण सब्जी आलू का उत्पादन रिकार्ड 5.42 करोड़ टन होने का अनुमान है। टमाटर का उत्पादन भी 2.11 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया है जबकि पिछले साल यह 2.06 करोड़ टन रहा था।
सुगंधित और औषधीय फसलों की पैदावार भी बढ़ी है। वर्ष 2019-20 में इनका 7.3 लाख टन का उत्पादन हुआ था जो इस बार 7.8 लाख टन होने का अनुमान है। इसमें कुल 6.2 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। मसालों की पैदावार इस बार कुल 1.07 करोड़ टन रही है। जबकि वर्ष 2019-20 के दौरान मसालों की कुल पैदावार 1.01 करोड़ टन हुई थी। वर्ष 2020-21 के दौरान बागवानी फसलों की खेती का रकबा भी पिछले साल के 2.65 करोड़ हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 2.76 करोड़ हेक्टेयर हो गया है।