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कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसक घटना के गंभीर परिणाम होंगे, जानें इस बारे में और क्‍या सोचते हैं एक्‍सपर्ट

अमेरिका में बुधवार को व्‍हाइट हाउस और कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप समर्थकों जो हिंसक झड़प हुई उससे अमेरिका की छवि को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही ट्रंप की छवि पहले से कहीं ज्‍यादा खराब हो गई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 11:58 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 08:07 AM (IST)
कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसक घटना के गंभीर परिणाम होंगे, जानें इस बारे में और क्‍या सोचते हैं एक्‍सपर्ट
अमेरिका में हिंसक झड़प से देश की साख हुई खराब

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका में व्‍हाइट हाउस और कैपिटल बिल्डिंग के बाहर राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा और इसमें अब तक चार लोगों की मौत की घटना ने अमेरिका की साख पर बट्टा लगाने का काम किया है। इस घटना से न सिर्फ एक राष्‍ट्र और वैश्विक नेता के तौर पर अमेरिका की छवि खराब हुई है बल्कि अमेरिका की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकार मानते हैं कि इस घटना के गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आपको बता दें कि बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद वाशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगाया गया है और सड़कों पर भारी पुलिसबल को भी तैनात किया गया है।

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माइक पेंस के हाथों में मौका

इस पूरी घटना पर अपनी राय व्‍यक्‍त करते हुए जवाहरलाल नेहरू के प्रोफेसर बीआर दीपक ने कहा कि अमेरिकी इतिहास में ये घटना बेहद शर्मसार करने वाली है। उनके मुताबिक ये पूरी घटना कहीं न कहीं राष्‍ट्रपति ट्रंप की हताशा को भी व्‍यक्‍त करती है।उनके मुताबिक अमेरिका में एक धड़ा ये भी मानता है कि ट्रंप को उनकी नाकामी के बाद पद से हटा दिया जाए। वहीं अमेरिकी संविधान के मुताबिक यदि कोई राष्‍ट्रपति अपने कर्तव्‍यों के निर्वाहन में पूरा नहीं पाया जाता है तो उसको बर्खास्‍त किया जा सकता है। ऐसे में अमेरिका के उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस ये कदम उठा सकते हैं और सत्‍ता अपने हाथों में ले सकते हैं। यहां पर ये इसलिए खास है क्‍योंकि डोनाल्‍ड ट्रंप लगातार अपने समर्थकों को चुनाव परिणामों के खिलाफ खड़े होने की बयानबाजी करते रहे हैं। बुधवार को भी उन्‍होंने भीड़ को उकसाने की कोशिश की थी। हालांकि प्रोफेसर दीपक ये भी मानते हैं कि पेंस इस विकल्‍प को शायद ही इस्‍तेमाल करेंगे।

बाइडन के नाम पर ही लगेगी मुहर

प्रोफेसर दीपक का ये भी कहना है कि मौजूदा समय में अमेरिका का समाज दो खेमों में बंटा हुआ है। अपने पक्ष में बात करने के लिए उन्‍होंने जॉर्जिया समेत कुछ दूसरे राज्‍यों के गवर्नर को धमकाया भी है। हालांकि वो ट्रंप की बात नहीं मानेंगे ये तय है। उन्‍हें इस बात की पूरी उम्‍मीद है कि अमेरिका नए राष्‍ट्रपति के तौर पर बाइडन के नाम पर ही मुहर लगाएगा और वही 20 जनवरी को राष्‍ट्रपति पद की शपथ भी लेंगे। प्रोफेसर दीपक की मानें तो अमेरिकी समाज लगातार उस राह पर आगे बढ़ रहा है जिस पर काफी पहले चीन चला था। इस राह में लोगों के बीच दूरी है, आपसी भेदभाव है और ऊंच-नीच की भावना भी है। ट्रंप के कार्यकाल में ये बंटवारा काफी बढ़ गया है।

अमेरिका की छवि हुई खराब

ट्रंप की छवि के सवाल पर प्रोफेसर दीपक ने कहा कि राष्‍ट्रपति ट्रंप की अंतरराष्‍ट्रीय छवि पहले से ही काफी खराब थी। साथ ही घरेलू राजनीति में भी वो काफी हद तक नाकाम साबित हुए थे। इस घटना के बाद उनकी छवि को और अधिक नुकसान पहुंचा है। प्रोफेसर दीपक का मानना है कि उनके कार्यकाल में अमेरिकी नेतृत्‍व वो नहीं रहा जो पहले हुआ करता था, जिसको पूरी दुनिया सुनती भी थी और मानती भी थी। ट्रंप ने अपने कार्यकाल में उन वैश्विक संगठनों से नाता तोड़कर अपनी जिम्‍मेदारी से मुंह फेरने का काम किया है जिसका अमेरिका ही आधार रहा है। इससे अमेरिका और उसकी नेतृत्‍व क्षमता को काफी नुकसान पहुंचा है। उनके कार्यकाल में वो मुद्दे उठाए गए जो पहले वैश्विक मंच पर और अमेरिकी समाज और राजनीति में कोई मायने नहीं रखते थे। मौजूदा समय में जो घटना अमेरिका में घटी है वो न सिर्फ अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अच्‍छी घटना नहीं है।

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