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CHUNAUTI Startup Challenge: देश में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा, रविशंकर प्रसाद ने लांच किया 'चुनौती' स्टार्टअप चैलेंज

CHUNAUTI Startup Challenge इसका मकसद देश के टायर-2 शहरों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए स्टार्टअप और सॉफ्टवेयर उत्पादों को बढ़ावा देना है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 08:54 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 09:11 AM (IST)
CHUNAUTI Startup Challenge: देश में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा, रविशंकर प्रसाद ने लांच किया 'चुनौती' स्टार्टअप चैलेंज
CHUNAUTI Startup Challenge: देश में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा, रविशंकर प्रसाद ने लांच किया 'चुनौती' स्टार्टअप चैलेंज

नई दिल्ली, एएनआइ। देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिताएं लेकर आ रहे केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने एक नया कदम उठाया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को 'चुनौती' नामक नई पीढ़ी की स्टार्टअप चुनौती प्रतियोगिता लांच की। इसका मकसद देश के टायर-2 शहरों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए स्टार्टअप और सॉफ्टवेयर उत्पादों को बढ़ावा देना है।

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मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस कार्यक्रम के लिए सरकार ने तीन साल के लिए 95.03 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसका मकसद चिन्हित क्षेत्रों में काम कर रहे करीब 300 स्टार्टअप की पहचान करना, उन्हें 25 लाख रुपये तक की शुरुआती राशि और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

'चुनौती' के तहत मंत्रालय जिन क्षेत्रों के स्टार्टअप को आमंत्रित करेगा, उनमें लोगों के लिए शिक्षा तकनीक, कृषि तकनीक और वित्त तकनीक; आपूर्ति श्रृंखला, लॉजिस्टिक्स व परिवहन प्रबंधन; बुनियादी ढांचा व दूर से निगरानी; चिकित्सा देखभाल, निदान, निवारक एवं मनोवैज्ञानिक देखभाल; रोजगार एवं कौशल, भाषाई उपकरण एवं प्रौद्योगिकी शामिल हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, पूरे देश में फैले सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों के माध्यम से इन स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन सुविधा, मेंटरशिप, सुरक्षा परीक्षण सुविधाएं, वेंचर कैपिटलिस्ट फंडिंग तक पहुंच, उद्योग से जुड़ने के साथ-साथ कानूनी सलाह, मानव संसाधन (एचआर), आईपीआर और पेटेंट मामलों में सलाह दी जाएगी।

वैचारिक स्तर पर चल रहे स्टार्टअप्स को भी प्री-इन्क्यूबेशन प्रोग्राम के तहत चुनकर अपना बिजनेस प्लान और सॉल्यूशन विकसित करने के लिए छह माह तक सलाह दी जा सकती है। प्री-इन्क्यूबेशन के दौरान हर इंटर्न को 6 महीने तक 10 हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद दी जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि चुनौती चैलेंज से जुड़ने के इच्छुक स्टार्टअप्स एसटीपीआई की वेबसाइट पर जाकर या https://innovate.stpine&t.in/ लिंक पर क्लिक करके अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बिहार के मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) के डिजिटल प्रशिक्षण और कौशल केंद्र का भी शिलान्यास किया। करीब 9.17 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए बिहार सरकार ने एक एकड़ जमीन दी है, जबकि इसे विकसित करने का काम आईअी मंत्रालय करेगा।


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