भारत की इमरान खान को नसीहत, कहा- हमारे आंतरिक मामलों में दखलंदाजी न करें
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इमरान खान को नसीहत दी है कि वे भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी करना बंद करके अपने यहां अल्पसंख्यकों की स्थितियों पर ध्यान दें।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को दो-टूक कह दिया है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं करें। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमें नहीं लगता है कि पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के हर बयान पर प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर इमरान खान का बयान गैर-वाजिब है। उन्हें भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी करने के बजाए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, इसाई, बौद्ध, पारसी) की स्थितियों पर ध्यान देना चाहिए।
रवीश कुमार ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को यह भी नसीहत दी कि उन्हें भारत के आंतरिक मामलों में बयानबाजी करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही कुमार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में खटास की बात को खारिज की। उन्होंने ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने अपना भारत का दौरा घरेलू वजहों से रद किया है, न की नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर... बांग्लादेश से हमारे संबंध मजबूत हैं। जैसा कि दोनों देशों के नेता कह चुके हैं कि यह दोनों देशों के संबंधों का स्वर्णिम काल है।
कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शिंजो आबे के सम्मेलन का स्थान गुवाहाटी से शिफ्ट किए जाने की रिपोर्टों पर कहा कि उन्हें इस बारे में कोई अपडेट नहीं मिला है। यह सम्मेलन 15 से 16 दिसंबर तक आयोजित होना है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले 18 दिसंबर को वाशिंगटन डीसी में भारत और अमेरिका की 2+2 वार्ता होगी जिसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भाग लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमने कभी नहीं कहा है कि बांग्लादेश में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों का धार्मिक उत्पीड़न हुआ है।
बता दें कि लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया। इसे लेकर दुनिया के नेताओं ने अपनी मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसके बहाने मोदी सरकार का विरोध किया है। इमरान ने अपने ट्वीट में कहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत हिंदू वर्चस्ववाद की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।