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पन्ना टाइगर रिजर्व में कैमरे में कैद हुई मछली का शिकार करने वाली दुर्लभ बिल्ली

बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में मछली का शिकार करने वाली फिशिंग कैट देखी गई है। रिजर्व के बीच से बहने वाली केन नदी के आसपास विलुप्त हो रही प्रजाति की फिशिंग कैट का प्राकृतिक आवास है।

By Avinash RaiEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 11:03 PM (IST)
पन्ना टाइगर रिजर्व में कैमरे में कैद हुई मछली का शिकार करने वाली दुर्लभ बिल्ली
पन्ना टाइगर रिजर्व में कैमरे में कैद हुई मछली का शिकार करने वाली दुर्लभ बिल्ली

पन्ना, राज्य ब्यूरो। बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में मछली का शिकार करने वाली बिल्ली (फिशिंग कैट) देखी गई है। रिजर्व के बीच से बहने वाली केन नदी के आसपास विलुप्त हो रही प्रजाति की फिशिंग कैट का प्राकृतिक आवास है। इस दुर्लभ बिल्ली की तस्वीर पहली बार ट्रैप कैमरे ने ली है। वन्य जीवों की मौजूदगी के लिए कई हिस्सों में कैमरे लगाए गए हैं। यह खास बिल्ली पहले भी मिल चुकी है।

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रिजर्व के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 13 अगस्त को इसकी फोटो जारी की गई है। ट्वीट में लिखा गया है- पन्ना टाइगर रिजर्व के सिर में एक और ताज, पहली बार रिजर्व में फिशिंग कैट की फोटो मिली, जो खुशी की बात है। वर्षो पूर्व केन नदी के किनारे पीपरटोला के मैदान में काफी दूर से फिशिंग कैट को देखा गया था, लेकिन तब इसकी फोटो ले पाने में सफलता नहीं मिली थी।

अधिकारियों के मुताबिक फिशिंग कैट की संख्या तेजी से घट रही है। भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के तहत फिशिंग कैट का शिकार भी प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसे लुप्तप्राय श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि निश्चित ही यह बड़ी खबर है। रिजर्व में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की पुष्टि अपने आप में बड़ी बात है। इसकी मौजूदगी के प्रमाण मिलने पर अब अनेक जीव विज्ञानी जो फिशिंग कैट पर शोध व अध्ययन में रुचि रखते हैं।

फिशिंग कैट घरेलू बिल्लियों से शारीरिक रूप से दोगुनी होती है। इन बिल्लियों का मुख्य भोजन मछली होती है इसलिए इन बिल्लियों को फिशिंग कैट के नाम से जाना जाता है।


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