Yes Bank Scam: लोन के बदले में रिश्वत से राणा कपूर परिवार ने बनाई भारत में 4500 करोड़ की संपत्ति
लोन के बदले में रिश्वत देने के आरोपों यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और उनके परिवार के खिलाफ जांच एजेंसियों का शिकंजा कस गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लोन के बदले में रिश्वत देने के आरोपों यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और उनके परिवार के खिलाफ जांच एजेंसियों का शिकंजा कस गया है। सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एफआइआर दर्ज की है, वहीं ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जांच शुरू कर दी है। फिलहाल सीबीआइ ने डीएचएफल को दिये गए 4450 करोड़ रुपये के बदले में 600 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के मामले में एफआइआर दर्ज की है। लेकिन राणा कपूर के परिवार के सदस्यों के नाम केवल भारत में इसी तरह से बनाई गई 4500 करोड़ रुपये की संपत्तियों के सबूत मिले हैं। इसके अलावा कपूर परिवार के नाम पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस में भी कई संपत्तियों का पता चला है।
सीबीआइ ने राणा कपूर की पत्नी और बेटियों को भी बनाया आरोपी
सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में राणा कपूर, उसकी पत्नी बिंदू कपूर और तीन बेटियों रोशनी कपूर, राखी कपूर टंडन व राधा कपूर खन्ना के साथ-साथ डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज राजेश कुमार वधावन और उनकी कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। इस सिलसिले में सोमवार को जांच एजेंसी ने आरोपियों के ठिकानों की तलाशी ली। सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार 2018 में अप्रैल से जून के बीच यस बैंक ने डीएचएफएल के डिबेंचर्स में 3700 करोड़ का निवेश किया। इसके बदले में डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन ने छह सौ करोड़ रुपये का रिश्वत दिया। रिश्वत की रकम बिल्डर लोन के रूप में डीएसएफएल से डूइट (डीओआइटी) अर्बन वेंचर्स में दिया गया। मजेदार बात यह है कि यह कंपनी पूरी तरह से राणा कपूर और उसकी बेटियों की थी। डूइट अर्बन वेंचर्स एक दूसरी कंपनी आरएबी इंटरप्राइजेस की सबसिडयरी है। आरएबी इंटरप्राइजेस का 100 फीसदी शेयर राणा कपूर की पत्नी बिंदू कपूर के पास है। वहीं डूइट अर्बन वेंचर्स के 100 फीसदी शेयर उसकी तीनों बेटियों के पास है। पूरी डील को असली दिखाने के लिए डूइट अर्बन वेंचर्स ने एक सस्ती-सी कृषि भूमि बंधक के रूप में रखा और बताया गया कि भविष्य में यह जमीन का उपयोग आवासीय के रूप में परिवर्तित हो जाएगा, जो अभी तक नहीं हुआ। जाहिर है यस बैंक का डीएचएफएल के डिबेंचर में 3700 करोड़ रुपये का निवेश ही संदेह के घेरे में है। यही नहीं, डीएचएफएल ग्रुप की कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स को यस बैंक ने बांद्रा रिक्लेमेशन प्रोजेक्ट के लिए 750 करोड़ रुपये का लोन दिया। लेकिन इस प्रोजेक्ट में एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया और पूरी रकम डीएचएफएल में ट्रांसफर कर कपिल वधावन ने हजम कर लिया।
सभी लोन के बदले ली गई रिश्वत
जांच से जुड़े अधिकारियों की माने तो यस बैंक से डीएचएफएल में किये गए निवेश के बदले में 600 करोड़ रुपये की रिश्वत महज बानगी भर है। यस बैंक द्वारा दिये गए लगभग सभी लोन और निवेश के बदले में राणा कपूर ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम वाली कंपनियों में इसी तरह रिश्वत ली है और इसके सबूत मिलने लगे हैं।
ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस में कई संपत्तियों का पता चला
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राणा कपूर की पत्नी और बेटी व उनकी कंपनियों के केवल भारत में 4500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का पता चल चुका है और ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत उन्हें जब्त करने की तैयारी में है। इसी तरह राणा कपूर परिवार के ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस में कई संपत्तियों का पता चला है, जिसकी पुष्टि की जा रही है और उनकी कीमत का आंकलन भी किया जा रहा है। दिल्ली के अमृता शेरगिल मार्ग पर हजारों करोड़ की कोठी यस बैंक के लोन का आड़ में राणा द्वारा अपने नाम पर करवाने का मामला भी सामने आया है। दरअसल एलएम थापर ने इस कोठी के एवज में यस बैंक से 600 करोड़ का लोन लिया था जो वह नहीं चुका सका। नियम के मुताबिक वह कोठी यस बैंक की होनी चाहिए था लेकिन राणा ने अपने नाम कर लिया।
यस बैंक के मामले में चुस्त दिखीं जांच एजेंसियां
दरअसल नीरव मोदी और विजय माल्या के खिलाफ कार्रवाई में देरी के लिए आलोचना झेल रही जांच एजेंसियों ने यस बैंक के मामले में पूरी तरह से चुस्त दिखी। गुरुवार की शाम को यस बैंक के कामकाज पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाने के तत्काल बाद ईडी हरकत में आया और डीएचएफएल के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग के केस के तहत राणा कपूर से पूछताछ शुरू कर दी। शनिवार की देर शाम को एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने रविवार को ही राणा कपूर को गिरफ्तार कर लिया और सोमवार को उसके परिवार के सदस्यों के यहां छापा भी मार दिया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कार्रवाई में देरी होने पर राणा कपूर और उसके परिवार के सदस्यों के विदेश भाग जाने का खतरा था।