Move to Jagran APP

विश्व महाकोश में दर्ज होंगे घोंघा पर चित्रित रामायण के पात्र, दो सौं खंडों को प्रकाशित करने की योजना

कोरबा के कलाकार हरिसिंह क्षत्री ने घोंघे पर श्रीराम-सीता लक्ष्मण राम भक्त हनुमान जामवंत लंकापति रावण समेत रामायण के पात्रों को चित्रित किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 07:57 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 10:05 PM (IST)
विश्व महाकोश में दर्ज होंगे घोंघा पर चित्रित रामायण के पात्र, दो सौं खंडों को प्रकाशित करने की योजना

विकास पांडेय, कोरबा। विश्वभर में फैली भगवान श्रीराम से जुड़ी ललित कलाओं व मूर्त-अमूर्त सामग्रियों का संकलन करते हुए ग्लोबल इन्साइक्लोपीडिया ऑफ रामायण (रामायण विश्व महाकोश) बनाया जा रहा है। इस विश्वकोश में कोरबा के कलाकार हरिसिंह क्षत्री की कलाकृति को भी जगह देने पर विचार किया जा रहा है। इसमें उन्होंने श्रीराम को समर्पित घोंघा कला के जरिए रामायण के पात्रों को चित्रित किया है। अयोध्या शोध संस्थान द्वारा रामायण विश्व ज्ञानकोश तैयार कराया जा रहा है। 

loksabha election banner

कोरबा जिला पुरातत्व संग्रहालय के मार्गदर्शक हरिसिंह क्षत्री की अनोखी कला

उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह ने जिला के कलाकार व जिला पुरातत्व संग्रहालय के मार्गदर्शक हरिसिंह क्षत्री को परियोजना से जोड़ते हुए योगदान के लिए पत्र भेजा है। विश्व महाकोश परियोजना को मूर्तरूप देने रायपुर के ललित शर्मा प्रदेश संयोजक और हरिसिंह क्षत्री संपादक मंडल में शामिल किए गए हैं। क्षत्री ने घोंघे पर श्रीराम-सीता, लक्ष्मण, राम भक्त हनुमान, जामवंत, लंकापति रावण समेत रामायण के पात्रों को चित्रित किया है।

रामायण पर केंद्रित इस विश्व ज्ञान कोश के दो सौ खंड प्रकाशित करने की योजना है। इसमें पांच वर्ष लगने का अनुमान है। शोध संस्थान ने प्रथम खंड अगले छह माह के भीतर प्रकाशित करने का लक्ष्य रखा है। इस विश्वकोश में दुनिया के विभिन्न देशों में राम से जुड़ी कथाओं, रामलीलाओं के मंचन, गायन, कथाओं, कलाओं, चित्रकला, मूर्तिकला और विभिन्न माध्यमों में उपलब्ध सामग्री को संकलित किया जा रहा है। 

 

-पहाड़ों के शैल चित्र और सूपकला भी

कलाकार हरिसिंह क्षत्री ने बताया कि घोंघा कला के अलावा उनकी सूपकला को भी इसमें शामिल करने पर विचार किया जा रहा है, जिसमें भी उन्होंने श्रीराम व रामायण के अन्य किरदारों को चित्रित किया है। क्षत्री ने जिले में श्रीराम आगमन के भी कई चिन्हों की खोज की है, जिनमें सूअरलोट की पहाडि़यों में मिले शैल चित्र, अरेतरा में अत्री ऋषि का आश्रम, बुंदेली की गुफाएं समेत अन्य को भी महाकोश में शामिल किया जा सकता हैं।

 -श्रीराम मंदिर अयोध्या में गैलरी की मांग

विश्व महाकोश परियोजना के छत्तीसगढ़ संयोजक ललित शर्मा ने बताया कि विश्व कोश के लिए प्रदेश की धरोहरों को चिन्हित करने का कार्य चार माह से जारी है। वेबिनार के माध्यम से विशेषज्ञों का मार्गदर्शन व कोश के लिए ज्ञान जुटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्रीराम मंदिर अयोध्या में छत्तीसगढ़ के लिए एक गैलरी की मांग भी की जा रही, जहां घोंघा कला व सूपकला समेत प्रदेश में मौजूद श्रीराम से जुड़ी यादों को मंदिर परिसर में प्रदर्शित किया जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.