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संवरने से पहले बिखर जाएगा जनता दल परिवार: पासवान

केंद्रीय मंत्री व लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और बसपा मुखिया मायावती को दलित विरोधी बताया है। कहा, एक ने जहां एससी-एसटी का विरोध किया वहीं दूसरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी चार बार संभाली पर दलितों का भला कभी नहीं किया।

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2015 03:33 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2015 03:57 PM (IST)

वाराणसी, जागरण संवाददाता। केंद्रीय मंत्री व लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और बसपा मुखिया मायावती को दलित विरोधी बताया है। कहा, एक ने जहां एससी-एसटी का विरोध किया वहीं दूसरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी चार बार संभाली पर दलितों का भला कभी नहीं किया। कांग्रेस ने भी दलितों के नाम पर सिर्फ खेल खेला। राष्ट्रीय स्तर पर राजद, जदयू और सपा संग अन्य क्षेत्रीय दलों के महागठबंधन में मुलायम को मुखिया के तौर पर कमान सौंपे जाने पर मंत्री ने तंज कसा कि दलित विरोधी मानसिकता से जुड़ा जनता दल का यह कुनबा संवरने से पहले ही बिखर जाएगा।

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उपभोक्ता मामले, खाद्य व जन वितरण मंत्री ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी एनडीए गठबंधन के साथ मैदान में उतरेगी और जीत हासिल करेगी। उन्होंने खाद्य सुरक्षा बिल-2013 के अब तक प्रभावी न हो पाने पर अखिलेश सरकार की खिंचाई की। 11 राज्यों में यह एक्ट लागू है जबकि उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य इसमें फिसड्डी हैं। हालांकि इसके लिए जून तक की मोहलत दी गई है।

मंत्री ने बताया कि खाद्यान्न वितरण के लिए भारत सरकार ने नियम बना दिया है। एफसीआइ दस फीसद व राज्य सरकार 90 फीसद अंशदान करती है मगर गोदाम के बाद अनाज कहां जाता है, यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। हेराफेरी पर नकेल कसने को डीलर की दस हजार रुपये प्रतिमाह की आय का इंतजाम किया गया है। प्रति क्विंटल अनाज में डीलर को 87 रुपये कमीशन मिलेगा। लाभार्थी पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। 50 फीसद राज्य व 50 फीसद केंद्र सरकार वहन करेगी। डोर टू डोर स्टेप डिलेवरी का इसमें प्रावधान किया जाएगा। मंत्री ने कहा, ओलावृष्टि के चलते 50 फीसद से कम नुकसान होने पर भी अब किसानों की भरपाई के लिए कानून में संशोधन करने पर विचार होगा। खराब हो चुकी गेहूं की फसल खरीद में दस फीसद तक छूट देने की राज्य सरकार की मांग पर भी विचार किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने भूमि अधिग्रहण कानून पर कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में बने इस कानून को मोदी सरकार ने और प्रभावी बनाया है। मायावती व अखिलेश सरकार में यमुना कारीडोर व आगरा हाइवे में अधिग्रहीत भूमि कौड़ी के भाव किसानों से ले ली गई जबकि नए बिल के प्रभावी होने से किसानों को उनकी जमीन का चार गुना दाम मिलेगा। यही नहीं, जिस किसान की पूरी जमीन ली जाएगी उसके परिवार के साथ उसके खेत में मजदूरी करने वाले परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। इस दौरान लोजपा नेता चिराग पासवान भी मौजूद थे।

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