अयोध्या के बाद छत्तीसगढ़ में राम की ननिहाल में शुरू हुआ राम वनगमन पथ का काम
वनवास के दौरान भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर गुजरे इसे ही राम वन गमन पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी के बाद अब शिवरीनारायण में भी प्रथम चरण का काम शुरू हो रहा है।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। अयोध्या के बाद छत्तीसगढ़ में भी राम वनगमन पथ का काम शुरू हो गया है। माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी ( पुराना नाम चंद्रपुरी ) के बाद अब शिवरीनारायण में भी प्रथम चरण का काम शुरू हो रहा है। यहां 44 फीट ऊंचा प्रवेश द्वार और भगवान राम की 32 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण किया जाएगा। सुंदरीकरण के साथ ही नदी के घाट का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसके साथ पर्यटक सूचना केंद्र, कैफेटेरिया और पार्किंग के लिए भी अलग से व्यवस्था की जाएगी।
आरती के लिए बनारस की तर्ज पर तैयार किए जाएंगे कियोस्क
प्रथम चरण में होने वाले इन कार्यों के लिए शिवरीनारायण में पांच करोड़ 76 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। नदी वाले स्थल पर घाट वाक के साथ ही बनारस की तर्ज पर कियोस्क तैयार किये जाएंगे, ताकि श्रद्धालु आरती कर सकें और वहां खड़े होकर बेहतरीन नजारा देख सकें। कहीं राम भगवान की छोटी तो कहीं बड़ी मूर्ति स्थापित की जाएगी।
वनवास के दौरान भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर गुजरे
राम वन गमन पथ की नोडल अधिकारी डा. अनुराधा दुबे के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में राम गमन पथ का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। पैराणिक मान्यता के अनुसार वनवास के दौरान भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर गुजरे, इसे ही राम वन गमन पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।
नहीं बदले जाएंगे प्राचीन स्वरूप
राम वन गमन पथ पर विकास के लिए चिह्नित स्थलों के प्राचीन स्वरूप के साथ किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। स्थल के आसपास के इलाकों के सुंदरीकरण के साथ ही उस इलाके को विकसित किया जाएगा। साथ ही पूरी तरह से रामायण कालीन स्वरूप दिया जाएगा।
प्रथम चरण में नौ स्थान चिह्नित
राम वन गमन पथ के प्रथम चरण के लिए नौ स्थान चिह्नित किए गए हैं। इनमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरी नारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-साऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं। इसमें से चंद्रपुरी रायपुर में आठ करोड़ 56 लाख रुपये की लागत से अगस्त से कार्य शुरू हो चुका है, जहां लगभग 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वहीं शिवरीनारायण में 26 नवंबर से कार्य शुरू होगा। इसके बाद एक सप्ताह के भीतर राजिम और तुरतुरिया में भी काम शुरू हो जाएगा। बाकी पांच जगहों पर डीपीआर और कांसेप्ट प्लान तैयार हो रहा है। इनकी सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही बाकी स्थलों पर भी कार्य शुरू हो जाएगा।