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किसान आंदोलन स्थगित हुआ है, लेकिन एमएसपी की लड़ाई है जारी : राकेश टिकैत

भारतीय किसान यून‍ियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता और क‍िसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन स्थगित हुआ लेकिन एमएसपी की लड़ाई अभी जारी है। अभी केवल आंदोलन स्थगित हुआ है। इसका मतलब यह नहीं है कि आंदोलन ही खत्म हो गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 09:44 PM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 09:48 PM (IST)
किसान आंदोलन स्थगित हुआ है, लेकिन एमएसपी की लड़ाई है जारी : राकेश टिकैत
भारतीय किसान यून‍ियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता और क‍िसान नेता राकेश टिकैत

 रायपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। भारतीय किसान यून‍ियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता और क‍िसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन स्थगित हुआ, लेकिन एमएसपी (न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य) की लड़ाई अभी जारी है। अभी केवल आंदोलन स्थगित हुआ है। इसका मतलब यह नहीं है कि आंदोलन ही खत्म हो गया। आगे सभी फसलों की एमएसपी के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलन से जो संदेश जाना था, वह चला गया है।

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एमएसपी की मांग को लेकर सरकार से आगे बातचीत करेंगे

वह रविवार को किसान संगठनों और किसानों के सम्मान कार्यक्रम में शामिल रायपुर पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अभी तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा केंद्र सरकार ने की, जिसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन अभी लड़ाई जारी है। एमएसपी की मांग को लेकर सरकार से आगे बातचीत करेंगे और समाधान निकालेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों का धन्यवाद करने यहां आया हूं। गुरुद्वारा श्री गुर सिंह सभा टाटीबंध में आयोजित किसान योद्धा सम्मान समारोह में 75 किसान संगठन और 100 किसानों को सम्मान किया गया।

मागें पूरी नहीं हुई तो आंदोलन का बिगुल बजाने में देर नहीं लगेगी

भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि एक साल से अधिक समय तक किसानों ने इस आंदोलन को जिंदा रखा। कई बार आंदोलन को कुचलने का प्रयास हुआ, लेकिन 'किसान के आगे किसी की एक न चली'। सरकार ने किसानों की मांगें मानीं और तीनों कृषि कानून वापस लिए। एमएसपी पर कानून बनाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद पंचों की बैठक में घर वापसी का निर्णय हुआ।

उन्होंने कहा कि सरकार से जो बात तय हुई है उसे पूरा करे, अन्यथा आंदोलन का बिगुल बजाने में देर नहीं लगेगी। दिल्ली सुन ले, इस बार आरपार की लड़ाई होगी। इतिहास रहा है कि जो बात सोरम में कही, वह पूरी हुई। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में युवाओं का जुडऩा बड़ा कदम है। किसान अब 'ट्रैक्टर के साथ ट्विटर चलाना जान गया है'। किसान की खेती और हल में कोई कमी नहीं है, सरकार की कलम में कमी है।


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