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सीबीआइ विवादः 'अपने खिलाफ जांच को दबाने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे अस्थाना'

एजेंसी का कहना है कि अपने खिलाफ हो रही जांच को दबाने के लिए राकेश अस्थाना, निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:16 PM (IST)
सीबीआइ विवादः 'अपने खिलाफ जांच को दबाने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे अस्थाना'
सीबीआइ विवादः 'अपने खिलाफ जांच को दबाने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे अस्थाना'

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की भूमिका संदेह के घेरे में है। सीबीआइ ने खुद इसे उजागर किया है। एजेंसी का कहना है कि अपने खिलाफ हो रही जांच को दबाने के लिए राकेश अस्थाना सीबीआइ के निदेशक आलोक वर्मा व जांच से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। इसके पहले राकेश अस्थाना ने सीवीसी से आलोक वर्मा के खिलाफ आइआरसीटीसी होटल मामले में लालू यादव के परिवार खिलाफ छापे को रुकवाने का आरोप लगाया था, जिसे सीबीआइ ने सिरे से खारिज कर दिया है।

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सीबीआइ के आधिकारिक बयान के अनुसार, उसके विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की भूमिका आधा दर्जन मामलों में संदिग्ध पाई गई है। जिनकी जांच की जा रही है। हालांकि जांच एजेंसी ने उन मामलों के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। वैसे उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो गुजरात के संदेसरा ग्रुप की डायरी में राकेश अस्थाना का नाम सामने आया था। इसके साथ ही जेल में बंद उपेंद्र राय मामले में राकेश अस्थाना की भूमिका संदिग्ध होने के सुबूत मिले हैं।

सीवीसी में आलोक वर्मा के खिलाफ राकेश अस्थाना की शिकायत के बारे में सीबीआइ ने साफ किया है कि यह शिकायत निहित स्वार्थ के तहत की गई है। जिस आइआरसीटीसी होटल मामले में जांच प्रभावित करने की बात की जा रही है, उसमें एजेंसी आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और अदालत में सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। सीबीआइ का आरोपपत्र खुद ही अस्थाना के आरोपों को खारिज करता है। वहीं, सीबीआइ के मुख्य सतर्कता अधिकारी ने सीवीसी को केस से जुड़ी सभी वांछित फाइलें सौंप दी हैं। सीबीआइ ने सीवीसी को बता दिया है कि खुद ही कई मामलों में संदिग्ध भूमिका होने के कारण जांच के घेरे में आए अस्थाना के अनर्गल आरोपों को सिरे से खारिज किया जाना चाहिए।

ध्यान देने की बात है कि राकेश अस्थाना की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए आलोक वर्मा हमेशा संवेदनशील मामलों में उन्हें शामिल करने से परहेज करते रहे हैं। विदेश दौरे के पहले उन्होंने सीवीसी को पत्र लिखकर साफ कर दिया था कि उनकी अनुपस्थिति में आयोग की बैठक में राकेश अस्थाना प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। ये बैठकें सीबीआइ में नए अधिकारियों की नियुक्ति और पुराने अधिकारियों की प्रोन्नति को लेकर समय-समय पर सीवीसी में होती हैं। माना जा रहा है कि विजय माल्या के विदेश जाने से लेकर सीबीआइ की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा करने से संबंधित खबरें राकेश अस्थाना की ओर से ही मीडिया में प्लांट की जा रही हैं। इन खबरों से सरकार की भी किरकिरी हुई है।


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