Move to Jagran APP

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को किया खारिज

इस संबंध में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कुछ संविधान विशेषज्ञों से चर्चा व सलाह मशविरा के बाद ये निर्णय लिया।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 08:54 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 11:50 AM (IST)
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को किया खारिज
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को किया खारिज

नई दिल्ली (जेएनएन)। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव  के नोटिस को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया। इस संबंध में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कुछ संविधान विशेषज्ञों से चर्चा व सलाह मशविरा के बाद ये निर्णय लिया।

loksabha election banner

कांग्रेस के इस नोटिस में जितने सांसदों के हस्ताक्षर थे उसमें से 7 सांसद रिटायर हो चुके हैं और इसी को आधार बनाते हुए उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है। साथ ही उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित भी बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रस्ताव में चीफ जस्टिस पर लगाए गए सभी आरोपों को मैंने देखा और साथ ही उसमें लिखी अन्य बातें भी देखीं।

उपराष्ट्रपति के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता नलीन कोहली ने कहा कि कांग्रेस की सारी बाते हवा में होती है। न्यायपालिका का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।

राजनीतिक दलों की अोर से इस बारे में नोटिस मिलने के बाद नायडू 4 दिन की छुट्टी पर आंध्र गए थे, लेकिन मामला गंभीर होते देख वह रविवार को ही दिल्ली लौट आए थे। सोमवार को उपराष्ट्रपति ने इस बारे में फैसला किया। इस फैसले से चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की मुहिम चलाने वाली कांग्रेस को करारा झटका लगा है। कांग्रेस के नेतृत्व में सात दलों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति को दिया था। यह एक अभूतपूर्व कदम था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ कभी भी महाभियोग का प्रस्ताव नहीं आया था।

इससे पहले रविवार शाम उपराष्ट्रपति ने लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मलहोत्रा, पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह व राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी से चर्चा की थी। बताते हैं कि देर शाम सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी से भी उनकी मुलाकात हुई। 

गौरतलब है कि विपक्ष की ओर से कांग्रेस ने रविवार को प्रेसवार्ता कर जहां भाजपा पर निशाना साधा था कि वह इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है। वहीं सभापति से आशा जताई थी कि जल्द फैसला होगा। सूत्रों के अनुसार यूं तो वेंकैया मीडिया में जाने के विपक्ष के आचरण से नाराज थे, लेकिन महाभियोग नोटिस की गंभीरता का ध्यान रखते हुए अपना बाहर का दौरा छोटा किया और दिल्ली पहुंच गए।

जानिए- अब क्या हो सकता है

सभापति के नोटिस अस्वीकार करने के आदेश को कांग्रेस यदि सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है, तो उस पर सुनवाई करने वाली पीठ सीजेआई ही तय करेंगे, क्योंकि चीफ जस्टिस ही मास्टर आफ रोस्टर होते हैं।

इन आधारों पर लाया गया था महाभियोग

कांग्रेस पार्टी ने महाभियोग प्रस्ताव लाने के पीछे 5 कारण बताए थे। कपिल सिब्बल ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि न्यायपालिका और लोकंतत्र की रक्षा के लिए ये जरूरी था।

1. मुख्य न्यायाधीश के पद के अनुरुप आचरण ना होना, प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट में फायदा उठाने का आरोप।इसमें मुख्य न्यायाधीश का नाम आने के बाद जांच की जरूरत।

2. प्रसाद ऐजुकेशन ट्रस्ट का सामना जब मुख्य न्यायाधीश के सामने आया तो उन्होंने न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रिया को किनारे किया।

3. बैक डेटिंग का आरोप।

4. जमीन का अधिग्रहण करना, फर्जी शपथ पत्र लगाना और सुप्रीम कोर्ट जज बनने के बाद 2013 में जमीन को सरेंडर करना।

5. कई संवेदनशील मामलों को चुनिंदा बेंच को देना।

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.