राजनाथ सिंह ने कश्मीर समस्या के स्थायी हल के लिए सुझाया 5-C फार्मूला
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर की जनता को यकीन दिलाना चाहता हूं शांति और संपन्नता स्थापित करने के लिए जितनी बार आने की जरूरत होगी उतनी बार आऊंगा।
श्रीनगर, नवीन नवाज। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर के स्थायी समाधान के लिए अपनाए जा रहे 'फाइव सी' फार्मूले का रहस्योद्घाटन करते हुए कहा कि जितने भी हितधारक हैं, सभी से बात करना चाहता हूं। अमन-अमान कायम करने में हमारी मदद कीजिए। कश्मीर में अमन का दरख्त सूखा नहीं है, अमन की कोंपलें फूट रही हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अमन के साथ आम लोगों का सम्मान व गरिमा भी बहाल रहे। यही हमारी कोशिश है।
सोमवार को जम्मू रवाना होने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि हम फाइव सी- कंपैशन (प्रेम व करुणा), कम्यूनिकेशन (संवाद), को-एग्जिसटेंस (सह अस्तित्व), कान्फीडेंस बिल्डिंग (विश्वास बहाली), कंसिसटेंसी (दृढ़ता व स्थिरता) के आधार पर कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने 35ए, एनआइए के छापों, अलगाववादियों से बातचीत और रोहिंग्या के मुद्दों पर जवाब दिए। उन्होंने कहा कि हमारी नीयत साफ है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कश्मीर समस्या गोलियां या गालियों से नहीं, बल्कि कश्मीरियों को गले लगाने से हल होगी। उन्होंने जो कहा मैं उसे आगे बढ़ाने को प्रयत्नशील हूं। हमने कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।
अनुच्छेद 35ए पर जज्बात का होगा सम्मान
अनुच्छेद 35ए और 370 को लेकर जारी विवाद संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। इसे जानबूझकर तूल दिया जा रहा है। केंद्र सरकार इस मामले में अदालत नहीं गई है। इस मुद्दे पर जो भी करेंगे, यहां के लोगों की भावनाओं व जज्बात का पूरा सम्मान करेंगे।
अमन बहाली में मदद कीजिए
उन्होंने कहा कि मैं सभी हितधारकों से मिलना चाहता हूं। हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को हमने नहीं रोका, अगर वह नजरबंद हैं तो वह कानून का मामला है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मैं पिछले साल जब आया था तो उन्होंने बातचीत से इन्कार किया था। गृहमंत्री ने कहा कि बिलखती जोहरा का चेहरा भूलता नहीं है। हम कश्मीर में हर चेहरे पर खुशी और मुस्कान देखना चाहते हैं। आतंकवाद ने बहुत तबाही की है। सकारात्मक सोच रखने वाला कश्मीरी नौजवान परेशान हैं। गृहमंत्री ने कहा कि यहां पर्यटन पूरी तरह तबाह हो गया। केंद्र सरकार पर्यटन को फिर पटरी पर लाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी।
एनआइए के मामले में दखल नहीं
अलगाववादी और आतंकी संगठनों के खिलाफ एनआइए की कार्रवाई को राजनीति से जोड़े जाने पर एतराज जताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआइए एक स्वायत्त संस्था है। इसमें केंद्र सरकार का कोई दखल नहीं है। यह अपने स्तर पर सुबुत जमा करने के बाद ही कार्रवाई करती है।
दिल से दिल मिलाना चाहते हैं
पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावना के सवाल पर गृहमंत्री ने कहा कि 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाया गया था। प्रधानमंत्री सभी प्रोटोकाल तोड़ पाकिस्तान गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते बनाने का प्रयास करते हुए कहा था कि दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं। हम तो दिल से दिल मिलाना चाहते हैं। पाकिस्तान ने कभी सकारात्मक जवाब नहीं दिया। उसे यहां आतंकियों की घुसपैठ बंद करानी होगी।
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