कृषि कानूनों पर शंकाओं को दूर करने के लिए किसानों और विशेषज्ञों से मिले राजनाथ सिंह
नए कृषि कानूनों को लेकर आशंकाओं को दूर करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और किसानों के साथ मुलाकात की। सभी ने नए कानूनों की सराहना की।
नई दिल्ली, एजेंसियां। नए कृषि कानूनों को लेकर आशंकाओं को दूर करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और किसानों के साथ मुलाकात की। सभी ने नए कानूनों की सराहना की। राजनाथ सिंह के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी थे। हाल ही में संसद द्वारा पारित नए कानूनों को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। इन कानूनों के खिलाफ कांग्रेस समेत विपक्ष भी लामबंद हुआ है।
विशेषज्ञों ने कहा, सुधारों से किसानों को बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति
इसी के मद्देनजर सरकार की तरफ से कानून के बारे में किसानों को सही-सही जानकारी देने और उनकी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री किसानों और विशेषज्ञों से मिल रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में शामिल हुए ग्लोबल फूड एंड रिटेल काउंसिल के चेयरमैन राकेश गंभीर ने नए कानून के लिए सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार के नए युग की शुरुआत होगी। इससे किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और वो जहां चाहें अपनी फसल अपनी मर्जी की कीमत पर बेच सकेंगे।
हरियाणा और पंजाब समेत देश के किसान और बीज उत्पादक खुश
पंजाब के ग्रीन वैली फार्म्स के चेयरमैन आरपीएस गांधी ने गंभीर की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि इन कानूनों से कई तरह के लाभ मिलेंगे। लेकिन किसानों को इनके बारे में बेहतर तरीके से बताने की जरूरत है। सोनीपत स्थित आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन के मोहनजी सक्सेना ने कहा कि हरियाणा में किसान इन कानूनों के आने से खुश हैं। इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है, कि उन्हें देश में कहीं भी अपने उत्पाद बेचने की आजादी मिलनी चाहिए।
नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव ने कहा कि इन कानूनों से बीज उद्योग का भी विकास होगा। बीज उद्योग से जुड़े लाखों किसानों के लिए ये कानून फायदेमंद हैं। किसान सरकार के इस फैसले से खुश हैं। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किसानों समेत कृषि क्षेत्र से जुड़े कई नामचीन लोगों से भी मुलाकात की थी। तब उन्होंने कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाएगा, बल्कि मोदी सरकार में इसमें वृद्धि ही की जाएगी।