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एससीओ के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक में भाग लेंगे राजनाथ सिंह, ताजिकिस्तान के समकक्ष से करेंगे मुलाकात

रक्षा मंत्रालय के अनुसार राजनाथ सिंह मंगलवार को दुशांबे के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे। वार्षिक बैठक में एससीओ सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कई देशों के शीर्ष नेताओं के विचार-विमर्श के बाद एक विज्ञप्ति जारी किए जाने की उम्मीद है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:20 PM (IST)
एससीओ के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक में भाग लेंगे राजनाथ सिंह, ताजिकिस्तान के समकक्ष से करेंगे मुलाकात
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का है यह तीन दिवसीय दौरा

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ताजिकिस्तान के दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक में भाग लेंगे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार राजनाथ सिंह मंगलवार को दुशांबे के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे। वार्षिक बैठक में एससीओ सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कई देशों के शीर्ष नेताओं के विचार-विमर्श के बाद एक विज्ञप्ति जारी किए जाने की उम्मीद है। बैठक में सिंह का संबोधन बुधवार यानी 28 जुलाई निर्धारित किया गया है।

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दुशांबे की अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ताजिकिस्तान के समकक्ष कर्नल जनरल शेराली मिर्जो से भी द्विपक्षीय मुद्दों और आपसी हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है।

बता दें कि इसके पहले सितंबर 2020 में मास्को में हुई शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए चीन और पाकिस्‍तान पर निशाना साधा था। रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत आतंकवाद की सभी रूपों और इसके समर्थकों की निंदा करता है। राजनाथ सिंह ने चीन का नाम लिए कहा था कि शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित एससीओ क्षेत्र के लिए जरूरी है कि सदस्‍यों के बीच एकदूसरे के प्रति गैर-आक्रामकता का परिचय दिया जाए। इस बैठक में भारत और रूस के अलावा चीन के रक्षा मंत्री ने भी भाग लिया था।

गौरतलब है कि ताजिकिस्तान इस वर्ष एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है और मंत्रिस्तरीय और आधिकारिक स्तर की बैठकों की श्रृंखला की मेजबानी कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ राज्यों के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक के लिए दुशांबे में थे। जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की थी और उनके साथ एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक की थी। इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने बताया था कि सीमा क्षेत्र की यथास्थिति में एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं है।


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