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Rajasthan: एक बार फिर Howitzer तोप के धमाकों से गूंज उठी पोखरण फायरिंग रेंज

सैन्यसूत्रों ने बताया कि इस तोप की खासियत यह है कि ये हल्की होने के कारण इसे उठा कर या फील्ड कर हेलिकॉप्टर के जरिये या अन्य किसी साधनो से एक से दूसरे स्थानों पर रखा जा सका हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 05:49 PM (IST)
Rajasthan: एक बार फिर Howitzer तोप के धमाकों से गूंज उठी पोखरण फायरिंग रेंज
Rajasthan: एक बार फिर Howitzer तोप के धमाकों से गूंज उठी पोखरण फायरिंग रेंज

जयपुर, जागरण संवाददाता। बुधवार सुबह एक बार फिर राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज अमेरिका में बनी अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप के धमाकों से गूंज उठा। अमेरिकन अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर 155 एम 777 के ए-2 एडवांस वर्जन की 6 तोप के भारत में पहुंचने के बाद इनका फायरिंग परीक्षण जैसलमेर के पोखरण में शुरू हुआ है । यह परीक्षण अगले कुछ दिन तक जारी रहेगा।

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परीक्षण के दौरान अमेरिकन विशेषज्ञों के साथ ही अमेरिकन कंपनी की देश में सहयोगी महेन्द्रा कंपनी के अधिकारी एवं उच्च सैन्यधिकारी भी मौजूद है। इस तोप को भारतीय सेना में इस साल के आखिर तक शामिल होने की संभावना है। तोप की मारक क्षमता 40 किलोमीटर तक की है।

सेना को मिलेगी कुल 125 तोप
जानकारी के अनुसार जैसे-जैसे अमरीका से यह तोप आ रही है वैसे वैसे इनका पोखरण में परीक्षण हो रहा है। बुधवार को अमरीका से आई 6 नई तोप की में लंबी दूरी तक की मारक क्षमता को परीक्षण किया गया। इनकी गूंज से फायरिंग रेंज गूंज उठी। इस अवसर पर सेना के तोपखाना यूनिट के अधिकारी अमेरिका सरकार के डेलीगेट्स, अमेरिकन गन कंपनी बीएई सिस्टम के प्रतिनिधि सहित कई विशेषज्ञ इन परीक्षण के माध्यम से इसकी क्षमता का आकलन कर रहे है।

भारतीय सेना की मारक क्षमता को मजबूत करने की प्रक्रिया के तहत अमेरिका के साथ एम 777 अल्ट्रा लाईट हॉवित्जर गन खरीदने का एमओयू हुआ था। इस कड़ी के प्रारंभ में दो अमेरिकन गन 18 मई 2017 को भारत लाई गई थी। 8 जून को इसके पहले फायर ट्रायल पोखरण में शुरू किये गये थे। एक सैन्यअधिकारी ने बताया कि यह लंबी प्रक्रिया है।

अमेरिकन गन कंपनी बीएलई सिस्टम के भारत में महिन्द्रा डीएलएस पाटर्नर है। यह दोनों मिलकर भारत में तोप बनाएंगे। कुल 145 गन 3 सालों में भारत में भारतीय सेना को मिलने की संभावना है, जिन्हें 7-8 यूनिटों को बांटा जाएगा। एक यूनिट को करीब 18 तोप दी जाएगी। इसके इस साल के अंत में भारतीय सेना में सम्मिलित होने की संभावना है।

सैन्यसूत्रों ने बताया कि इस तोप की खासियत यह है कि ये हल्की होने के कारण इसे उठा कर या फील्ड कर हेलिकॉप्टर के जरिये या अन्य किसी साधनो से एक से दूसरे स्थानों पर रखा जा सका हैं। खासकर जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख व अरुणाचल प्रदेश के 16000 फीट से भी ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर के जरिये इन्हें ऊंचे स्थानों पर ले जाया जा सकता है।

737 मिलीयन डालर की इस डील के अन्तर्गत पांच तोप की डिलीवरी हर महिने तक मिलती रहेगी तथा कुल 145 गन की डिलीवरी जून 2021 तक पूरी हो जाएगा। इसमें 25 तोप अमेरिका से इम्पोर्ट की जाएगी,शेष 120 तोपों को भारत में ही बीएई सिस्टम के तहत बिजनस पार्टनर महेन्द्रा कंपनी के सहयोग से असेम्बल कर भारतीय सेना को सौंपी जाएगी।


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