राजस्थान में सत्याग्रह स्थल पर ही बेटी का विवाह करेंगे किसान, जानें- क्यों हैं नाराज
किसानों में 25 दिन से गड्ढों में बैठकर सत्याग्रह कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में नींदड़ गांव के किसान अपनी कृषि योग्य जमीन अधिग्रहण से बचाने के लिए 25 दिन से संघर्षरत हैं। पांच से छह फीट गहरे गड्ढों में बैठे इन किसानों ने दिवाली भी यहीं मनाई थी। छठ पर्व भी यहीं मनाया। अब 13 नवम्बर को एक किसान की बेटी का विवाह भी सत्याग्रह स्थल पर ही करेंगे। विवाह के दौरान गड्ढों में बैठे किसान बरातियों पर फूल बरसाएंगे।
किसानों में नाराजगी है कि वे 25 दिन से गड्ढों में बैठकर सत्याग्रह कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। राज्य के स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी के विधानसभा सत्र शुरू होने से पूर्व बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन मांगों को लेकर कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं दिया।
यह है मामला
जयपुर विकास प्राधिकरण ने नीदड़ गांव की 1350 बीघा जमीन पर आवासीय कॉलोनी विकसित करने की योजना बनाई है। प्राधिकरण ने खेत खाली करने को लेकर किसानों को नोटिस जारी कर दिए हैं। प्राधिकरण किसानों को जो मुआवजा दे रहा है, वह बाजार दर से काफी कम है। किसानों का कहना है कि पहली बात तो वे अपना खेत नहीं खोना चाहते, यदि फिर भी सरकार जमीन लेना चाहती है तो बाजार दर के आधार पर मुआवजा दे। प्राधिकरण अधिकारी इसके लिए तैयार नहीं है।
नाराज किसानों ने दो अक्टृबर से जमीन सत्याग्रह शुरू किया था। पहले चरण में 22 किसानों ने गड्ढों में बैठकर जमीन समाधि ली थी। अब किसानों की संख्या करीब 300 पहुंच गई है। महिलाएं भी जमीन सत्याग्रह में शामिल हो रही हैं। किसान रामधन और जीवनराम का कहना है कि 13 नवम्बर को किसान जगदीश की बेटी का विवाह है। किसानों ने तय किया है कि जगदीश की बेटी की बरात पर वे गड्ढों में बैठकर ही फूल बरसाएंगे।
राज्य के स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी का कहना है कि किसानों के साथ बातचीत चल रही है। वहीं, किसान संघर्ष समिति के संयोजक नगेन्द्र ¨सह शेखावत का कहना है कि अफसरों से अब तक की वार्ता असफल रही है।
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