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Raisina Dialogue: हामिद करजई बोले, भारत-पाक रिश्तों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से अफगान अत्यधिक प्रभावित

रायसीना डायलॉग-2020 में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि पाकिस्तानी ने अफगानिस्तान में अतिवाद को बढ़ावा दिया।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 03:01 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 01:45 AM (IST)
Raisina Dialogue: हामिद करजई बोले, भारत-पाक रिश्तों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से अफगान अत्यधिक प्रभावित
Raisina Dialogue: हामिद करजई बोले, भारत-पाक रिश्तों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से अफगान अत्यधिक प्रभावित

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत-पाकिस्तान संबंधों की 'दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति' का अफगानिस्तान पर अत्यधिक असर पड़ने का दावा करते हुए अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने गुरुवार को कहा कि दो पड़ोसियों के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर रखना उनके देश के लिए मुश्किल हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान के साथ बातचीत ही अफगानिस्तान में आगे बढ़ने का एक रास्ता है। करजई ने कहा, 'यह हमारी लड़ाई नहीं है। यह हमारा संघर्ष नहीं है। यह किसी और का संघर्ष है।'

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रायसीना डायलॉग के एक सत्र में करजई ने कहा, 'हम इसमें क्यों मरें, तालिबान का उनके खुद के देश के खिलाफ संघर्ष में इस्तेमाल क्यों होना चाहिए, अपने ही देश और जनता के खिलाफ इस संघर्ष में हमें क्यों इस्तेमाल होना चाहिए। यह अफगान लोगों की अफगान से संघर्ष की बात नहीं है। यह अफगान लोगों को दूसरे अफगान के खिलाफ रखे जाने की बात है जिसे हमें समाप्त करना होगा।'

अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी पर करजई ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अफगानिस्तान में अमेरिकी मौजूदगी से सहमत होंगे बशर्ते देश को शांतिपूर्ण बने, अफगान लोगों को सम्मानजनक तरीके से रहने का अवसर दिया जाए, उनकी राजनीति और संस्थाओं में हस्तक्षेप नहीं किया जाए और उनकी संप्रभुता आहत न हो। अगर इन शतरें को पूरा किया जाता तो अमेरिका को रुकने का अधिकार मिल सकता है, लेकिन फैसला अफगान जनता को अपनी संस्थाओं के माध्यम से करना होगा।

पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर करजई ने कहा कि अफगानिस्तान पर उसका असर किसी अन्य देश से बहुत ज्यादा है। काबुल को इस्लामाबाद को बताना होगा कि नई दिल्ली के साथ करीबी संबंधों का उनके साथ संबंधों पर असर नहीं होगा। पूर्व अफगान राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत अफगानिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त है। भारत ने अफगानिस्तान में अपार योगदान दिया है, लेकिन अफगानिस्तान में जो प्रभाव पाकिस्तान डाल सकता है, वह किसी अन्य देश से कहीं ज्यादा है।' उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ने अफगानिस्तान को बुरी तरह प्रभावित किया है। हमने इसमें संतुलन का प्रयास किया, लेकिन यह काम बहुत ही मुश्किल है।

पाकिस्तान और ईरान, अफगानिस्तान के सबसे अधिक महत्वपूर्ण और परिणामोन्मुखी पड़ोसी हैं और ये हम पर अमेरिकी की मौजूदगी में या उसके बिना गहरा असर डाल सकते हैं। करजई ने कहा, 'पाकिस्तान का सबसे ज्यादा असर है। इसलिए अफगानिस्तान में शांत इस बात पर बहुत निर्भर करती है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को कैसे बढ़ाते हैं। हम उनके साथ बेहतरीन रिश्ते चाहते हैं। हम भारत के सर्वश्रेष्ठ दोस्त बनना चाहते हैं और अफगानिस्तान के लोग भारत के सबसे अच्छे दोस्त साबित हुए हैं, लेकिन हम पाकिस्तान को बताएंगे कि भारत के साथ हमारा रिश्ता हमें पाकिस्तान का सबसे अच्छा भाई और दोस्त बनने से नहीं रोकने वाला। यह संदेश देना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन हमें यह करना होगा।'

पाक के आतंकी समूह दक्षिण एशिया के लिए खतरा : ब्रिटेन

ब्रिटेन ने गुरुवार को कहा कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ गैर-परिवर्तनीय कार्रवाई करनी चाहिए। ब्रिटेन ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी समूह दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए खतरा हैं। रायसीना डायलॉग में अफगानिस्तान और पाकिस्तान में ब्रिटेन के विशेष प्रतिनिधि गैरेथ बेले ने कहा कि साक्ष्यों के आधार पर पाकिस्तान पर एफएटीएफ के अगले चरण में सभी विकल्प खुले हुए हैं।


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