Move to Jagran APP

वीरता पुरस्कार से नवाजी गई लक्ष्मी ढ़ो रही है अपने सपने के आशियाने की ईंटें

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ की बहादुर बेटी लक्ष्मी यादव इन दिनों रायपुर में अपने घर का सपना साकार करने के लिए परिवार के साथ मिलकर सिर पर ईंटें ढ़ो रही है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 10:29 AM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 11:43 AM (IST)
वीरता पुरस्कार से नवाजी गई लक्ष्मी ढ़ो रही है अपने सपने के आशियाने की ईंटें
वीरता पुरस्कार से नवाजी गई लक्ष्मी ढ़ो रही है अपने सपने के आशियाने की ईंटें

रायपुर (जेएनएन)। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ की बहादुर बेटी लक्ष्मी यादव इन दिनों रायपुर में अपने घर का सपना साकार करने के लिए परिवार के साथ मिलकर सिर पर ईंटें ढ़ो रही है। लक्ष्मी के सपने के इस आशियाने की दीवार जैसे-जैसे ऊंची हो रही है, उसका आत्मविश्वास भी वैसे ही मजबूत हो रहा है।

loksabha election banner

लक्ष्मी और उसके परिवार को अब इस साल आने वाली बरसात में दिक्कतों से जूझना नहीं पड़ेगा। तीन बदमाशों को अपने साहस से मात देकर उनके चंगुल से खुद को छुड़ाने वाली लक्ष्मी को इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा है। राजधानी के शक्तिनगर क्षेत्र में रहने वाली 18 वर्षीय लक्ष्मी अभी 10वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है।

वीरता पुरस्कार में मिले पैसे पिता को दिए, ताकि अपना घर बन सके

लक्ष्मी ने बताया, 'मैं काफी दिनों से घर की मरम्मत कराना चाहती थी, लेकिन अर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा था। इस साल बरसात के पहले यह काम कराना बहुत जरूरी हो गया था। इसलिए पुरस्कार में मिले 20 हजार रुपए मैंने घर की मरम्मत के लिए पापा को दे दिए हैं। कुछ परिवार के जमा पैसे थे, जिन्हें मिलाकर हम घर की मरम्मत करा रहे हैं।"

पुलिस में भर्ती होना चाहती है लक्ष्मी यादव

लक्ष्मी का सपना पुलिस में भर्ती होना है। उन्होंने कहा, 'जब मेरे साथ जबरदस्ती वाली घटना हुई, तब से मुझे यही लगा कि अगर मेरी नौकरी पुलिस में लग गई तो मैं समाज में ऐसी दरिंदगी करने वाले को चुन-चुन कर कानून के जरिए सजा दिलवा पाउंगी।

पेटी में संभाल कर रखी वो स्पेशल ड्रेस

लक्ष्मी को वीरता पुरस्कार समारोह में पहनने के लिए ड्रेस दिया गया था। जिसे दिल्ली से आने के बाद लक्ष्मी ने पेटी में सम्भाल कर रख दिया है। लक्ष्मी ने बताया जो मैम दिल्ली में उनकी देखभाल कर रही थीं, उन्होंने कहा था की जब कहीं विशेष कार्यक्रम में आना-जाना तो इन कपड़ों का इस्तमेल करना।

साहस भरे इस काम के लिए मिला था सम्मान

लक्ष्मी को 2 अगस्त 2016 की दोपहर उसके घर के पास रहने वाले युवकों ने अगवा किया था। तीनों ही नशे में थे। सुनसान स्थान पर ले जाने के बाद एक आरोपित ने लक्ष्मी से कहा कि चाबी बाइक में लगी है, उसे लेकर आओ। लक्ष्मी बाइक तक गई, चाबी निकालकर दुपट्टे में बांधी और तेजी से भाग निकली। आरोपित भी उसके पीछे दौड़े, लेकिन नशे में होने की वजह से उसे पकड़ नहीं सके। भागते समय लक्ष्मी ने चीख-पुकार मचाई, लेकिन रास्ते में किसी ने मदद नहीं की। वह भागती हुई सीधे मोवा थाने पहुंची और पुलिस को घटना की जानकारी दी। हरकत में आई पुलिस ने आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.