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फिर पड़ी मौसम की मार, जनजीवन हुआ बेहाल

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। उत्तर भारत के मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को शनिवार फिर मौसम के बदले मिजाज की मार झेलनी पड़ी। हिमपात और दिन भर रुक-रुककर होती रही बारिश से आम जनजीवन बेहाल हुआ। ठंड भी काफी बढ़ गई। हिमाचल व उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में बिजली, जल आपूर्ति और यातयात तक बाधित रहा। आगामी दो दिनों तक मौसम के तेवर इसी तरह बने रहने के आसार है। उच्च पर्वतीय इलाकों में भारी हिमपात की चेतावनी जारी की गई है और कुछ मैदानी भागों में तेज बारिश हो सकती है।

By Edited By: Published: Sat, 16 Feb 2013 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2013 09:41 PM (IST)
फिर पड़ी मौसम की मार, जनजीवन हुआ बेहाल

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। उत्तर भारत के मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को शनिवार फिर मौसम के बदले मिजाज की मार झेलनी पड़ी। हिमपात और दिन भर रुक-रुककर होती रही बारिश से आम जनजीवन बेहाल हुआ। ठंड भी काफी बढ़ गई। हिमाचल व उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में बिजली, जल आपूर्ति और यातयात तक बाधित रहा। आगामी दो दिनों तक मौसम के तेवर इसी तरह बने रहने के आसार है। उच्च पर्वतीय इलाकों में भारी हिमपात की चेतावनी जारी की गई है और कुछ मैदानी भागों में तेज बारिश हो सकती है।

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राजधानी दिल्ली व आसपास के इलाकों में शुक्रवार सुबह से रुक-रुककर बारिश का सिलसिला रात को अचानक तेज हो गया। इसके बाद यह क्रम शनिवार शाम तक चलता रहा। जगह-जगह जलभराव से यातायात प्रभावित हुआ। पारे में काफी गिरावट दर्ज की गई। न्यूतनम व अधिकतम तापमान सामान्य से तीन-चार डिग्री कम रिकॉर्ड किया गया। पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में दिन भर रुक-रुककर बारिश होती रही। ठंड बढ़ने से लोग घरों में दुबके रहे। उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भारी बारिश की सूचना है। बिजली गिरने से गोरखपुर जिले में 27 बच्चे झुलस गए जबकि बांदा व कुंभ मेले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। पूर्वाचल में पारा लुढ़कने से एक बार फिर ठंड काफी बढ़ गई है। राजस्थान में भी बारिश के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

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बिहार, झारखंड में भी लुढ़का पारा

उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में हुई बर्फबारी का असर बिहार व झारखंड में नजर आ रहा है। चढ़ता पारा एक बार फिर गिर गया है। ठंड बढ़ गई है। झारखंड के ज्यादातर जिलों में हल्की बूंदा-बांदी हुई। सूर्य देव दिन भर बादलों से ढंके रहे, ठंडी हवाएं चलती रहीं। रांची में शनिवार को अधिकतम तापमान में सामान्य से करीब पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। उधर, बिहार के भागलपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में शनिवार को 1.08 मिमी बारिश हुई। तेज हवाएं भी चलीं।

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कल्पा व छितकुल में 2.5 फुट बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में दूसरे दिन भी बर्फबारी व बारिश का सिलसिला जारी रहा। निचले क्षेत्रों में दिनभर बारिश हुई। जनजातीय क्षेत्रों में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। संपर्क मार्ग बाधित पड़े हैं। बिजली व जल आपूर्ति ठप है। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आगामी 24 घंटे में ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी की चेतावनी दी है। मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश भी होगी। राज्य के कई इलाकों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

शुक्रवार रात को किन्नौर जिला के कल्पा व छितकुल में 2.5 फुट, केलंग में एक फुट, सांगला व रोहड़ू में नौ इंच, लाहुल में छह इंच ताजा बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। इससे कई स्थानों पर सैकड़ों की संख्या में वाहन फंस गए हैं। लाहुल-स्पीति जिला में अधिकतर मार्ग बाधित हो गए हैं। कुल्लू जिला में भी हिमपात व बारिश जारी है। शिमला में बर्फबारी से यातायात बाधित हो गया है। प्रदेश में शुक्रवार से शनिवार शाम तक कुछ स्थानों पर तीस मिलीमीटर तक वर्षा रिकॉर्ड की गई।

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गंगोत्री, यमुनोत्री राजमार्ग समेत दर्जनों मार्ग बंद

उत्तराखंड में शुक्रवार से हो रही जोरदार बारिश व हिमपात से कंपकपी बढ़ गई है। चारधाम समेत गढ़वाल-कुमाऊं की पहाड़ियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है, जिससे गंगोत्री, यमुनोत्री राजमार्ग समेत दर्जनों संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। संचार व्यवस्था व आवश्यक सेवाएं ठप पड़ने से सैकड़ों गांवों का संपर्क कट गया है।

विकासनगर, चकराता व साहिया की पहाड़ियों पर रेकॉर्ड हिमपात की सूचना है। भारी वर्षा के कारण राजाजी नेशनल पार्क सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। राज्य में अनेक स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई। इसके चलते देहरादून में बिजली के दर्जन भर पोल और कई पेड़ धराशायी हो गए।

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बढ़ा ठंड का प्रकोप

जम्मू-कश्मीर में शनिवार लगातार दूसरे दिन उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमपात व निचले क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश जारी रही। इससे ठंड का प्रकोप और बढ़ गया। शुक्रवार शाम को जवाहर सुरंग के पास भारी बर्फबारी के कारण बंद हुआ जम्मू-श्रीनगर हाईवे शनिवार सुबह खोल दिया गया।

दिनभर आसमान पर छाए बादलों के बीच जम्मू में रुक-रुककर बारिश जारी रही। ऊधमपुर, कठुआ और राजौरी के पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। नौशहर में बारिश से कई कच्चे मकान गिर गए। इसके अलावा माता वैष्णो देवी के भवन सहित आधार शिविर कटड़ा में बारिश हुई। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवा बंद रही।

बारिश से सौ साल का रिकॉर्ड टूटा

लखनऊ [रूमा सिन्हा]। बीते दो दिन से हो रही बारिश से लोग अब उकता गए हैं। बारिश से फसलों को तो नुकसान पहुंचा ही है, वैवाहिक समारोहों की रौनक भी धुल गई है। इस माह हुई रिकार्ड तोड़ बारिश ने बीते सौ साल के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। मौसम वैज्ञानियों का अनुमान हैं कि शायद आने वाले कई वर्ष तक यह रिकार्ड न टूट सके। कारण यह है कि फरवरी में अमूमन बारिश का एक दौर आता है, जबकि इस बार दो बार बारिश हो चुकी है, वह भी रिकार्ड तोड़। आंकड़े बताते हैं कि फरवरी 2007 में अधिकतम बारिश 68.1 मिली मीटर दर्ज की गई थी जो रिकार्ड था। वहीं इस वर्ष फरवरी में अब तक 123.9 मिमी बारिश हो चुकी है। लोगों के जहन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर मौसम की इस बेरुखी का कारण क्या है?

पश्चिमी विक्षोभ से हो रही बारिश : आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। दरअसल बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी लेकर आने वाली हवाएं मौसम के इस मिजाज का कारण हैं। वह बताते हैं कि यह हवाएं आमतौर पर भारत में प्रवेश करने पर जम्मू-कश्मीर, हिमांचल प्रदेश व उत्तराखंड को प्रभावित करते हुए निकल जाती हैं। पहाड़ी इलाकों में इसके चलते बर्फबारी व बारिश होती है। इन इलाकों में बर्फबारी का कुछ असर मैदानी इलाकों में दिखता है, जिसके चलते फरवरी में अमूमन एक दौर बारिश का आता है। इस बार पश्चिमी विक्षोभ ने उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों को भी प्रभावित किया। इसकी वजह यह है कि राजस्थान के ऊपर कम दवाब का क्षेत्र विकसित हुआ। यहां हवाओं को अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से नमी मिली, जिसके चलते दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई जगह जमकर बारिश हो रही है।

सोमवार से मिलेगी राहत

गुप्ता बताते हैं कि बिहार से सटे पूर्वी क्षेत्रों जैसे बनारस, गोरखपुर व उत्तरी हिस्से में बहराइच व आसपास के इलाकों में रविवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। हालांकि प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़ में लोगों को राहत मिलेगी। इन इलाकों में धूप निकल सकती है, लेकिन प्रदेश के उत्तरी भाग में रविवार को भी बारिश संभव है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम साफ होने की संभावना है।

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पश्चिमी विक्षोभ क्या है?

भूमध्य सागर के पश्चिम से विकसित होने वाले कम दवाब का क्षेत्र जिसे पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं। यह ईरान, अफगानिस्तान व पाकिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश करता है। दरअसल कम दवाब का क्षेत्र विकसित होने पर नमी बढ़ने लगती है। अत्यधिक नमी वाली यह हवाएं जैसे-जैसे आगे बढ़ती हैं बारिश लाती हैं।

बारिश ने बिगाड़ा अल्फांसो का स्वाद

मुंबई [वरुण सिंह]। इस साल अल्फांसो आम का उत्पादन पहले ही बहुत कम होने जा रहा था। शनिवार की बारिश ने उम्मीदों पर और पानी फेर दिया। किसानों का दावा है कि इस बार यह 30 फीसद भी उत्पादन नहीं होने जा रहा।

आम की इस प्रजाति के लिए चर्चित सिंधुदुर्ग के कुछ खास इलाकों विशेषकर कुदाल, जामसांडे, मालवा, विजयदुर्ग, देवगढ़ में 10.33 मिलीलीटर बारिश रिकार्ड की गई। इस बारिश से सबसे बड़ा खतरा पेड़ों से मंजर गिर जाने का है। तापमान गिरना कीड़ों को निमंत्रण देना है। ये कीड़े न केवल फल बर्बाद कर देते हैं बल्कि उसे काला भी कर देते हैं इस तरह के काले फल बिक्री के लायक नहीं रहते और अक्सर खाने के लायक भी नहीं रहते।

आम की पैदावार के लिए मशहूर कोंकण के अधिकांश क्षेत्रों बहुत तेज बारिश हुई। इससे पहले से ही परेशान किसानों की परेशानी और बढ़ गई। देवगढ़ तालुका आम उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी ओमकार सप्रे ने दावा किया कि मौसम के बदलाव से इस क्षेत्र के अधिकांश किसान चिंतित हैं। डरे हुए किसानों ने अपनी फसलों पर पहले ही कीटनाशक छिड़क दिए हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि मौसम और खराब नहीं होगा और गड़बड़ी भी नहीं होगी। अप्रैल और मई में आने वाली आम की यह फसल इस बारिश से बुरी तरह प्रभावित होगी। [मिड डे]

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