Move to Jagran APP

जुलाई में सामान्य से सात फीसद कम हुई बारिश, मौसम विभाग ने बताई इसकी वजह, आप भी जानें

मौसम विभाग (आइएमडी) ने रविवार को बताया कि जुलाई में बारिश सामान्य से सात प्रतिशत कम दर्ज की गई। लेकिन एक जून से 31 जुलाई तक देश में कुल मिलाकर बारिश सामान्य से एक प्रतिशत कम रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 09:02 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 09:16 PM (IST)
जुलाई में सामान्य से सात फीसद कम हुई बारिश, मौसम विभाग ने बताई इसकी वजह, आप भी जानें
मौसम विभाग (आइएमडी) ने रविवार को बताया कि जुलाई में बारिश सामान्य से सात प्रतिशत कम दर्ज की गई।

नई दिल्ली, पीटीआइ। मौसम विभाग (आइएमडी) ने रविवार को बताया कि जुलाई में बारिश सामान्य से सात प्रतिशत कम दर्ज की गई। लेकिन एक जून से 31 जुलाई तक देश में कुल मिलाकर बारिश सामान्य से एक प्रतिशत कम रही है। विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जुलाई में हुई वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) के लगभग 93 प्रतिशत के आसपास है। बारिश का आंकड़ा जब 96 से 104 के बीच होता है तो उसे सामान्य कहा जाता है, जबकि 90 से 96 के बीच बारिश को सामान्य से कम माना जाता है।

prime article banner

इन राज्‍यों में भारी बारिश से तबाही

जुलाई में तटीय और मध्य महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई। महाराष्ट्र में कई शहरों और कस्बों में बहुत भारी बारिश हुई, इसके चलते भूस्खलन जैसी भीषण घटनाएं हुईं जिनमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ। उत्तरी राज्यों- जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बादल फटने की घटनाएं भी हुईं जिनमें कई लोग मारे गए।

यह रही बारिश में कमी की वजह

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी काफी अच्छी वर्षा हुई, लेकिन कुल मिलाकर जुलाई में सामान्य से सात प्रतिशत कम बारिश हुई। महापात्र ने कहा, 'हमने जुलाई में सामान्य बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया था जो कहीं-कहीं एलपीए का लगभग 96 प्रतिशत थी। जुलाई में देश में सर्वाधिक बारिश हुई, लेकिन उत्तर भारत में आठ जुलाई तक कोई बारिश नहीं हुई जो बारिश में कमी की वजह हो सकती है।'

पहली लहर में जमकर नहीं बरसा मानसून

दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में अपने निर्धारित समय से दो दिन बाद तीन जून को पहुंचा था। हालांकि, यह 19 जून तक देश के पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तरी क्षेत्रों में तेजी से पहुंचा लेकिन इसके बाद यह ऐसे चरण में पहुंच गया जिसमें कोई बारिश नहीं हुई। आठ जुलाई से यह पुन: सक्रिय होना शुरू हुआ था। दक्षिण-पश्चिम मानसून दिल्ली में 16 दिन की देरी से 13 जुलाई को पहुंचा और इसी दिन इसने समूचे देश को अपनी जद में ले लिया था।

यूपी, उत्तराखंड में भारी बारिश का अनुमान

आइएएनएस के मुताबिक, मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश में पांच अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश होने और राजस्थान में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सोमवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। हरियाणा में पांच अगस्त और हिमाचल प्रदेश में दो से चार अगस्त तक भारी बारिश होने का अनुमान है। प्रायद्वीपीय भारत, उससे जुड़े पूर्व मध्य भारत, महाराष्ट्र और गुजरात में अगले तीन-चार दिनों में बारिश में कमी आने की संभावना है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.