एमपी में बारिश का कहर, छह जिलों में आरेंज, 17 जिलों में येलो अलर्ट जारी, रेस्क्यू के लिए बुलाई गई सेना
उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश पर पिछले चार दिनों से सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तरी मप्र के मध्य में सक्रिय है। मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इस वजह से पूरे मध्यप्रदेश में कई जिलों में बौछारें पड़ रही हैं।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश पर पिछले चार दिनों से सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तरी मप्र के मध्य में सक्रिय है। मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इस वजह से पूरे मध्यप्रदेश में कई जिलों में बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञानियों ने 23 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
बाढ़ से गुना, विदिशा और अशोकनगर के हालात बिगड़े, बुलाई गई सेना
लगातार हो रही बारिश से विदिशा, गुना और अशोकनगर जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। गुना जिले में नदी-नालों की बाढ़ में 290 गांव घिर गए हैं। यहां सोडा गांव के 300 लोग बाढ़ से चारों ओर से घिरे हुए हैं। फंसे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ और राजस्थान से एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि सोडा गांव में रेस्क्यू के लिए सेना बुलाई गई है।
मध्यप्रदेश के छह जिलों में 'भारी से बहुत भारी' बारिश की भविष्यवाणी, 'आरेंज' अलर्ट जारी
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मध्यप्रदेश के छह जिलों में 'भारी से बहुत भारी' बारिश की भविष्यवाणी करते हुए 'आरेंज' अलर्ट जारी किया है। इनमें राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, गुना और अशोक नगर जिले शामिल हैं। इन जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 24 घंटे में 64.5 से 204.4 मिमी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मुरैना, भिंड, ग्वालियर समेत 17 जिलों में 'येलो अलर्ट' जारी
मध्यप्रदेश के 17 अन्य जिलों में 'भारी' बारिश की भविष्यवाणी करते हुए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया। इनमें श्योपुर, मुरैना, भिंड, नीमच, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, धार, देवास, नरसिंहपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और सागर शामिल हैं। इनमें 64.5 से 115.5 मिमी. बारिश हो सकती है।
उत्तर-पश्चिम मप्र पर बना सिस्टम पूर्वी दिशा की तरफ बढ़ने लगा
मौसम विज्ञानी पीके साहा के मुताबिक पहले संभावना थी कि उत्तर-पश्चिम मप्र पर बना सिस्टम राजस्थान की ओर बढ़ जाएगा, लेकिन अब यह पूर्वी दिशा की तरफ बढ़ने लगा है। इसी क्रम में यह सिस्टम वर्तमान में उत्तरी मप्र के मध्य में सक्रिय है। बता दें कि मप्र में गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 547.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जो सामान्य (491.6 मिमी.) की तुलना में 11 फीसद अधिक है।
बाढ़ से घिरे गुना में 16 सेमी बारिश, ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ में समा गई 20 जिंदगियां
मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में शुक्रवार को भी रुक-रुककर बारिश होती रही। प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र के मध्य में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। पिछले चार दिन से यह सिस्टम इसी स्थान पर स्थिर बना हुआ है। इसके चलते ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो रही है। उधर, शुक्रवार को बाढ़ से घिरे गुना में 16 सेमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार तक विदिशा, रायसेन, राजगढ़, गुना और अशोकनगर में भारी से अति भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कहीं-कहीं 6.5 से 20.5 सेमी तक बारिश हो सकती है।
तीन दिनों तक कहर बरपाने वाली बाढ़ में जुटाई जा रही मौतों की जानकारी
ग्वालियर-चंबल के जिलों में तीन दिनों तक कहर बरपाने वाली बाढ़ में कई जिंदगियां भी पानी में बह गई हैं। जैसे-जैसे बाढ़ का पानी उतर रहा है, बर्बादी का मंजर भी सामने आ रहा है। अब तक प्रशासन ने 20 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इनमें शिवपुरी में 11, श्योपुर में छह और मुरैना में तीन लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा भिंड और दतिया में भी बाढ़ के कारण हुई मौतों की जानकारी जुटाई जा रही है।