रेलवे अब दो महीने में एक बार नहीं बल्कि हर इस्तेमाल के बाद धोएगी कंबल
ट्रेन में सफर करने वालों को जल्द ही बदबूदार कंबलों से निजात मिल जाएगी। रेलवे ने ट्रेनों के कंबलों को हर बार इस्तेमाल के बाद धोने का निर्णय लिया है।
नई दिल्ली: ट्रेन में सफर करने वालों को जल्द ही बदबूदार कंबलों से निजात मिल जाएगी। रेलवे ने ट्रेनों के कंबलों को हर बार इस्तेमाल के बाद धोने का निर्णय लिया है। हाल ही में संसद में सरकार ने स्वीकार किया था कि दो महीने में सिर्फ एक बार रेलवे कंबलों की धुलाई होती है।
योजना के अनुसार, मौजूदा कंबलों की जगह रेलवे में पहली बार मुलायम कपड़े से बने नई डिजाइन के हल्के कंबलों का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रत्येक इस्तेमाल के बाद इसे धोया जाएगा। राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान (निफ्ट) ने सूती कपड़ा और ऊन मिलाकर नए कंबल का डिजाइन तैयार किया है। शुरू में इन कंबलों का इस्तेमाल कुछ चुनिंदा प्रमुख ट्रेनों में किया जाएगा। बाद में और ट्रेनों में इसका उपयोग किया जाएगा।' रेलवे स्टेशनों पर कंबलों सहित चादरों को धोने के लिए अत्याधुनिक मशीनें भी लगाएगी।
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निफ्ट न सिर्फ कंबल का डिजाइन तैयार करेगी बल्कि चादरों को भी नए रंगों के साथ नया लुक देगी। ताकि चादर और तकिया कवर सभी नये अंदाज में नजर आए। उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बताया था कि ट्रेन के कंबलों की प्रत्येक दो महीने में सिर्फ एक बार धुलाई होती है।