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Anti CAA Protest के दौरान रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से कराई जाएगी भरपाई: रेलवे बोर्ड

रेलवे ने कहा है कि वह Anti CAA Protest के दौरान रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही उसकी भरपाई कराएगी। रेलवे को उपद्रव की घटनाओं में 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 05:24 PM (IST)
Anti CAA Protest के दौरान रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से कराई जाएगी भरपाई: रेलवे बोर्ड
Anti CAA Protest के दौरान रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से कराई जाएगी भरपाई: रेलवे बोर्ड

नई दिल्ली, पीटीआइ/एएनआइ। बीते दिनों संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act 2019) के विरोध की आड़ में उपद्रवियों ने रेलवे की संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया था। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव Railway Board Chairman Vinod Kumar Yadav ने सोमवार को बताया कि इन प्रदर्शनों के दौरान देश भर में रेलवे की 80 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है जिसकी भरपाई आगजनी एवं हिंसा में लिप्‍त पाए गए उपद्रवियों से ही की जाएगी।

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यादव (Vinod Kumar Yadav) ने कहा, ‘संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध की आड़ में हुई हिंसा के दौरान रेलवे की 80 करोड़ रुपये की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया जिसकी क्षतिपूर्ति उन उपद्रवियों से की जाएगी जिनका नाम आगजनी एवं हिंसा की ऐसी वारदातों में सामने आया है।’ उन्‍होंने यह भी बताया कि अकेले इस्‍टर्न रेलवे को ही 70 करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है। नार्थइस्‍ट फ्रंटियर रेलवे को 10 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।  

बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस कानून को लेकर देशभर में मचे घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर #IndiaSupportsCAA अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से इसका समर्थन करने का आग्रह किया है। इससे पहले कई केंद्रीय मंत्री भी सीएए के मसले पर जागरूकता फैलाने की मुहिम में जुटे हैं। 

मालूम हो कि कांग्रेस, बसपा, सपा और टीएमसी समेत लगभग सभी विपक्षी दल संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं। असम, दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक के अलावा कई राज्‍यों में इस कानून के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए हैं। इन प्रदर्शन की आड़ में उपद्रवियों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस को भी सख्त कदम उठाने पड़े हैं। यूपी में ऐसी कार्रवाइयों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। 


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