रेलवे कर रहा आगे की तैयारी, अधिकारियों से जल्द अपने विकल्प नामित करने के दिए आदेश
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सभी संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के अधिकारियों को 14 अप्रैल से फिर से कार्यालय आने के लिए कहा है ताकि जनता में विश्वास बहाल हो सके।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रेलवे ने अधिकारियों से कहा है कि वे अपने विकल्प (लिंक अफसर) का नाम बताएं, ताकि अगर उन्हें क्वारंटाइन पर जाने की स्थिति पैदा होती है तो उनकी अनुपस्थिति में कामकाज बाधित न हो। सूत्रों ने बताया कि यह फैसला सरकार की तरफ से जारी निर्देशों को देखते हुए लिया गया है। सरकार ने सभी संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के अधिकारियों को 14 अप्रैल से फिर से कार्यालय आने के लिए कहा है, ताकि जनता में विश्वास बहाल हो सके।
कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी दफ्तर आते रहे हैं, लेकिन कुछ घर से काम कर रहे हैं।रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार, 'यह तय किया गया है कि सभी मुख्य कार्यकारी निदेशक (पीईडी), कार्यकारी निदेशक (ईडी), संयुक्त सचिव और निदेशक अपने लिंक / ड्यूटी अधिकारियों को नामित कर सकते हैं। इसे सक्षम प्राधिकारी अनुमोदित करेंगे। लिंक अधिकारी के सभी विवरण सोमवार सुबह 11 बजे तक रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दिए जाएं।'
ऑनलाइन टिकट बेच 22 लाख रुपये प्रतिदिन कमा रहा रेलवे
कोरोना संकट के दौर में रेलवे टिकट बेचकर प्रति यात्री 15 या 30 रुपये (आरक्षण श्रेणी के मुताबिक) के हिसाब से प्रतिदिन करीब सवा लाख से ज्यादा यात्रियों से कमाई कर रहा है। ये रुपये सुविधा शुल्क के नाम पर लिए जा रहे हैं। वह भी तब जब 15 अप्रैल से ट्रेनों के संचालन पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। ये टिकट इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) बेच रहा है, जो रेलवे का ही उपक्रम है।
एक से दूसरी जगह जाने की उम्मीद में लोग भी सुविधा शुल्क देकर ऑनलाइन टिकट बुक करवा रहे हैं। यदि ट्रेनें नहीं चली तो इन्हें घर बैठे नुकसान होगा। जबकि, रेलवे और आइआरसीटीसी को फायदा होगा। इस सुविधा शुल्क के नाम पर देशभर से रेलवे प्रतिदिन करीब 22 लाख रुपये कमा रहा है।