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देश में 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्‍पेशल ट्रेनें, 10 सितंबर से रिजर्वेशन होगा शुरू : रेलवे

Indian Railways to start new special trains देश में 12 सितंबर से 80 नई विशेष ट्रेनें शुरू की जाएंगी और इन ट्रेनों में यात्रा के लिए आरक्षण 10 सितंबर से शुरू हो जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 04:42 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 03:50 AM (IST)
देश में 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्‍पेशल ट्रेनें, 10 सितंबर से रिजर्वेशन होगा शुरू : रेलवे
देश में 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्‍पेशल ट्रेनें, 10 सितंबर से रिजर्वेशन होगा शुरू : रेलवे

नई दिल्ली, जेएनएन। रेल यात्रा की बढ़ती मांग के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने 12 सितंबर से 80 और ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी दे दी है। इन ट्रेनों के लिए रिजर्वेशन की प्रक्रिया 10 सितंबर से चालू हो जाएगी। यात्रा के लिए रिजर्वेशन जरूरी होगा। ये ट्रेनें पहले से चलाई जा रही 230 स्पेशल ट्रेनों के अलावा होंगी। इसके साथ रेल पटरियों पर दौड़ने वाली स्पेशल ट्रेनों की कुल संख्या 310 हो जाएगी। 

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ये ट्रेनें हैं शामिल 

जिन ट्रेनों को चलाने का एलान किया गया है उनमें वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस, लखनऊ शताब्दी और गोरखपुर व प्रयागराज हमसफर एक्सप्रेस शामिल हैं।

वेटिंग लिस्‍ट लंबी होने पर चलेगी क्‍लोन ट्रेन 

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए इन 40 जोड़ी ट्रेनों को चलाने का फैसला हुआ है। इन सभी स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पर नजर रखी जाएगी। जिन रूट की ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लंबी होने लगेगी, वहां वैकल्पिक तौर पर एक क्लोन या डुप्लीकेट ट्रेन चलाई जाएगी। क्लोन ट्रेनों के संचालन की प्रक्रिया की शुरुआत अगले 10 दिनों के भीतर कर दी जाएगी।

राज्‍यों की मांग पर भी चलेंगी ट्रेनें 

यादव ने बताया कि राज्यों की मांग पर और भी ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। राज्य अथवा केंद्रीय सेवा की परीक्षाओं के लिए या ऐसे ही किसी और उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों के अनुरोध पर अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है। यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी किसी भी श्रेणी में यात्रियों को चादर और कंबल नहीं उपलब्ध कराया जाएगा। बंगाल सरकार की सहमति के बाद अगले सप्ताह से कोलकाता मेट्रो का संचालन भी शुरू किया जा सकता है।

बुलेट ट्रेन परियोजना में होगी देरी

रेलवे के मुताबिक, कोरोना संकट के चलते मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना अपनी तय समयसीमा दिसंबर, 2023 तक पूरी नहीं हो सकेगी। महामारी के कारण परियोजना के लिए निविदाएं खोलने और भू-अधिग्रहण में देरी हुई है। यही नहीं, परियोजना लागत भी 1.08 लाख करोड़ से बढ़कर 1.70 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

पालघर और नवसारी में दिक्‍कतें 

नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने अभी तक परियोजना के लिए 63 फीसद जमीन अधिग्रहीत की है। गुजरात में 77, दादर नगर हवेली में 80 और महाराष्ट्र में करीब 22 फीसद जमीन का अधिग्रहण किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में जमीन अधिग्रहण में अभी भी दिक्कतें हैं।

सटीक आकलन में लगेंगे छह महीने 

उधर, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव का कहना है कि बुलेट ट्रेन परियोजना को पूरा करने की वास्तविक समयसीमा का आकलन अगले तीन से छह महीने में किया जा सकेगा जब एक निश्चित सीमा तक जमीन अधिग्रहण पूरा हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि परियोजना अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।


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