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Indian Railways: प्रवासी मजदूरों को के लिए रेलवे ने चलाईं 28 सौ से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

Indian Railways ने बताया कि 565 ट्रेनें आज चल रही हैं और जबकि 60 ट्रेनें पाइपलाइन में हैं। 2253 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 04:44 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 12:46 AM (IST)
Indian Railways: प्रवासी मजदूरों को के लिए रेलवे ने चलाईं 28 सौ से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें
Indian Railways: प्रवासी मजदूरों को के लिए रेलवे ने चलाईं 28 सौ से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

नई दिल्ली, एएनआइ। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी और रूट में बदलाव को लेकर रेलवे ने रविवार को फिर सफाई दी। रेलवे ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार को जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या में अचानक वृद्धि होने से ट्रेन परिचालन की व्यवस्था गड़बड़ हो गई है। इसी के चलते ट्रेनों के रूट बदलने पड़ रहे हैं और श्रमिकों की परेशानी उठानी पड़ रही है।

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रेलवे ने एक बयान में कहा कि एक मई के बाद से अब तक 2,810 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया है, जिससे 37 लाख से ज्यादा लोग सफर कर चुके हैं। इनमें से 80 फीसद यानी 1,301 ट्रेनें उत्तर प्रदेश और 973 ट्रेनें बिहार गई हैं। रूट पर भारी भीड़ की यह प्रमुख वजह रही है।

रेलवे ने कहा कि गंतव्य स्टेशनों पर यात्रियों की सघन जांच भी हो रही है। इसकी वजह से भी ट्रैक खाली होने में समय लग रहा है। रेलवे का यह बयान इन खबरों के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने गंतव्य तक न पहुंचकर दूसरे राज्यों में पहुंच जा रही हैं।

अगले दस दिनों में 2600 से ज्यादा ट्रेनें चलाईं जाएंगी

वहीं, दूसरी ओर देशव्यापी लॉकडाउन के चलते फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए रेलवे ने अगले 10 दिनों तक 2600 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि अगले 10 दिनों में 2,600 से अधिक ट्रेनों के शेड्यूल तय किए गए हैं। इन स्पेशल श्रमिक ट्रेनों से 36 लाख प्रवासी यात्रा करेंगे। यही नहीं उन्‍होंने यह भी बताया कि राज्यों को विशेष ट्रेनों के संचालन के बारे में अपनी जरूरतें बताने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब चार करोड़ प्रवासी मजदूर हैं। देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से ट्रेनों और बसों के जरिये अब तक 75 लाख अपने-अपने घर पहुंच चुके हैं। संयुक्त सचिव ने 25 मार्च से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 27 मार्च को राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कहा गया था कि प्रवासी मजदूरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं और सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें अपनी जगह से नहीं जाना पड़े।


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