Indian Railways: रेलवे काउंटर से बुकिंग बंद, आईआरसीटीसी रोज ऑनलाइन बेच रहा एक लाख टिकट
बता दें कि 21 मार्च से 14 अप्रैल की रात 12 बजे तक सभी ट्रेन निरस्त हैं। रेल टिकटों की बिक्री के बावजूद यात्रियों में कई तरह के संशय हैं।
भोपाल, जेएनएन। रेलवे काउंटरों से टिकट बुकिंग फिलहाल बंद है, लेकिन इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) रोज औसतन एक से सवा लाख टिकट बेच रहा है। इन टिकटों की बिक्री ऑनलाइन की जा रही है। यह आंकड़ा सभी रेल मंडलों में बिकने वाले रेल टिकटों का है। अकेले भोपाल रेल मंडल में 1200 से 1800 टिकट बेचे जा रहे हैं।
यात्रियों में कई तरह के संशय
बता दें कि 21 मार्च से 14 अप्रैल की रात 12 बजे तक सभी ट्रेन निरस्त हैं। रेल टिकटों की बिक्री के बावजूद यात्रियों में कई तरह के संशय हैं, क्योंकि एकतरफ रेलवे के काउंटरों से बुकिंग बंद है वहीं ऑनलाइन टिकट बेचे जा रहे हैं। उधर, ट्रेनों को चलाया जाएगा या नहीं, इस पर कोई अधिकृत जानकारी रेलवे बोर्ड ने नहीं दी है। ऐसे में यदि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ता है तो ऑनलाइन टिकट रिफंड हो जाएंगे। पूरी राशि यात्रियों को मिल जाएगी।
कोई गफलत की स्थिति न पैदा हो
इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि लॉकडाउन के कारण वैसे ही नागरिक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं ऐसे में ट्रेनें भी न चलें और बुकिंग भी होती रहे तो लोगों के रुपये जबरन आईआरसीटीसी के पास जा रहे हैं, जिसका यात्रियों को कोई फायदा नहीं, बल्कि आईआरसीटीसी फायदे में रहेगा। इससे यात्री नाराज हैं। मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य निरंजन वाधवानी का कहना है कि ऐसे तो एक से डेढ़ महीने तक अरबों रुपये आईआरसीटीसी उपयोग करेगा, बाद में यह कह कर रिफंड कर देगा कि लॉकडाउन के कारण ट्रेनें नहीं चल रही हैं। उनका कहना है कि संकट के इस दौर में रेलवे को इस बात पर ध्यान देना चाहिए, ताकि लोगों का पैसा उन्हीं के पास रहे। कोई गफलत की स्थिति न पैदा हो।
बुकिंग रोकने के निर्देश नहीं मिले
इस संबंध में आईआरसीटीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्घार्थ सिंह का कहना है कि उन्हें बुकिंग रोकने के निर्देश नहीं मिले हैं, इसलिए बुकिंग पूर्व की तरह ऑनलाइन खुली है और हम 24 घंटे में औसतन एक से सवा लाख टिकट बेच रहे हैं। ट्रेनें चलाना या नहीं चलाना यह रेलवे तय करेगा।