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अब एक क्लिक पर कार्यकर्ताओं से रूबरू होगी राहुल की कांग्रेस

लोकसभा चुनावों के दौरान 'डिजिटल' दुनिया में मोदी की 'साइबर सेना' से पिटी कांग्रेस हार के कारण को हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जल्द ऑनलाइन होने की दिशा में अग्रसर है। 'वर्चुअल दुनिया' में पिछड़ी पार्टी ने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पहल पर डिजिटल व‌र्ल्ड में प्रवेश तो देर से किय

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 02:02 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 09:08 AM (IST)
अब एक क्लिक पर कार्यकर्ताओं से रूबरू होगी राहुल की कांग्रेस

नई दिल्ली [सीतेश द्विवेदी]। लोकसभा चुनावों के दौरान 'डिजिटल' दुनिया में मोदी की 'साइबर सेना' से पिटी कांग्रेस हार के कारण को हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जल्द ऑनलाइन होने की दिशा में अग्रसर है। 'वर्चुअल दुनिया' में पिछड़ी पार्टी ने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पहल पर डिजिटल व‌र्ल्ड में प्रवेश तो देर से किया, लेकिन जल्द ही पार्टी मुकाबले में आती दिखी। चुनाव परिणामों के बाद 'फेंकू' और 'पप्पू' की दुनिया में कांग्रेस एक मजबूत चुनौती पेश करने की तैयारी में है। सोशल मीडिया के लगभग हर प्लेटफार्म पर मजबूती से मौजूद पार्टी को राहुल गांधी देश भर के युवाओं के साथ 'एक क्लिक' के जरिये जोड़ना चाहते हैं।

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बदलते समय के साथ कदम ताल करने की तैयारी में कांग्रेस पार्टी 'डिजिटलीकरण' की ओर बढ़ रही है। राहुल गांधी की योजना पार्टी को पूरी तरह से संपर्क की इस नई विधा से जोड़ने की है। योजना के तहत कांग्रेस मुख्यालय को 'कमांड कार्यालय' में तब्दील किया जाएगा। यहां से पार्टी के देश भर में स्थित प्रदेश कार्यालय साइबर कनेक्टिविटी से जुड़े होंगे।

विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की राय, पार्टी के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम, पार्टी शासित राज्यों में हो रहे विकास के कार्यक्रम और जहां पार्टी सत्ता में नही है वहां पर पार्टी किन मुद्दों को लेकर संघर्षरत है, यह सारी सूचनाएं ऑनलाइन होंगी। पार्टी में केंद्रीय कार्यालय और राज्य कार्यालय में आ रही कार्यकर्ताओं की शिकायतों को सुनने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर शुरू हुए शिकायत निस्तारण सेल की तर्ज पर राहुल एक बार फिर कार्यकर्ताओं की परेशानियों के जवाब उन तक पहुंचाने की पहल शुरू करेंगे। हालांकि, यह अब पत्राचार न होकर फोन पर एसएमएस और मेल के जरिये होगी। पार्टी के ब्लाक स्तर के पदाधिकारियों तक की सूचना भी आनलाइन होगी। हालांकि इसमें से कुछ जानकारियां केवल पार्टी के आंतरिक क्रियाकलापों के लिए होंगी।

दरअसल, पार्टी को बदलने में जुटे राहुल ने जब पार्टी को इस महत्वपूर्ण प्लेटफार्म पर पुराने ढर्रे पर चलते देखा तो उन्होंने इसे नए तेवर से लैस करने की सोची। राहुल को इसमें पार्टी नेता वीरप्पा मोइली के रिश्तेदार आनंद अदकोली का साथ मिला और इस तरह 'खिड़की' नाम का प्लेटफार्म सामने आया। एनएसयूआइ और युवा कांग्रेस से कांग्रेस की मुख्यधारा में आया यह प्रयोग हालांकि कई कारणों से उतना सफल नहीं हो सका।

लेकिन इसने नए प्रयोगों का रास्ता खोल दिया। इसके बाद राहुल ने पार्टी की वेबसाइट को अद्यतन करने के निर्देश दिए। बदलाव के बाद पार्टी 'स्ट्रांग टूगेदर' की सोच के साथ युवा जगत में लोकप्रिय फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब गूगल प्लस और लिंक्डइन जैसी साइट से कनेक्ट हुई।

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