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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना का आधिकारिक हिस्सा बनेगा लड़ाकू विमान राफेल

वायुसेना के प्रवक्ता ने सोमवार को जारी एक बयान में राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप जुलाई के आखिर में भारत पहुंच जाने की घोषणा की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 10:03 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 11:51 PM (IST)
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना का आधिकारिक हिस्सा बनेगा लड़ाकू विमान राफेल
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना का आधिकारिक हिस्सा बनेगा लड़ाकू विमान राफेल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारतीय वायुसेना ने अपने सबसे नये आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल को वायुसेना में शामिल करने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। वायुसेना ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से 29 जुलाई को अंबाला एयर बेस पहुंच जाएगी। आधिकारिक रूप से अगस्त के दूसरे हफ्ते में राफेल को वायुसेना का हिस्सा बनाया जाएगा। इस बात की पुख्ता संभावना है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे के साथ राफेल भारतीय वायुसेना के सबसे मारक जेट के रुप में उसके बेड़े का हिस्सा बन जाएगा। 

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वायुसेना ने किया एलान, 29 जुलाई को अंबाला में बेड़े में शामिल होंगे राफेल

वायुसेना के प्रवक्ता ने सोमवार को जारी एक बयान में राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप जुलाई के आखिर में भारत पहुंच जाने की घोषणा की। इस बयान के मुताबिक भारत पहुंचने के बाद 29 जुलाई को अंबाला एयर बेस पर मौसम के हिसाब से राफेल को वायुसेना में शामिल किया जाएगा।

हालांकि राफेल के भारत पहुंचने के मौके को मीडिया कवरेज से दूर रखा गया है। राफेल विमानों की पहली खेप में छह जेट भारत आ रहे हैं। भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौते के तहत पूरी तरह से तैयार 36 राफेल जेट सितंबर 2022 तक आने हैं। वायुसेना के मुताबिक अगस्त के दूसरे हफ्ते में राफेल को आइएएफ में विधिवत रूप से शामिल करने के कार्यक्रम की मीडिया कवरेज की इजाजत होगी। वायुसेना के पायलट और तकनीकी अधिकारी राफेल की उड़ान से लेकर संचालन में पूरी तरह प्रशिक्षित हो चुके हैं। 

जल्‍द ही राफेल को आपरेशनल मोर्चे पर लगाया जाएगा 

वायुसेना इस बात की पूरी तैयारी कर रही है कि जल्द से राफेल को आपरेशनल मोर्चे पर लगाया जा सके। माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ मौजूदा तनाव के मद्देनजर राफेल के पहले बेड़े को सबसे पहले यहां तैनात किया जा सकता है। राफेल वायुसेना की मौजूदा ताकत में जबरदस्त इजाफा करेगा क्योंकि पांचवी जेनरेशन के इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता जैसा लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास नहीं हैं। 

शीर्ष कमांडरों की बैठक में होगी चर्चा 

वायुसेना के शीर्ष कमांडरों की 22-24 जुलाई को होने वाली कांफ्रेंस में भारत की मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा के साथ राफेल जेट की रणनीतिक तैनाती पर भी चर्चा संभावित है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और रक्षा सचिव कमांडर कांफ्रेंस के दौरान मौजूद रहेंगे जिसमें चीन ही नहीं पाकिस्तान सीमा के मौजूदा हालातों को देखते हुए वायुसेना की आपरेशनल तैनाती की रणनीति पर गहन मंत्रणा होगी।


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