कोरोना महामारी को मिटाना होगा क्वाड का अहम मकसद, भारत की मैन्यूफैक्चरिंग सुविधा पर रहेगा जोर
ठक की तैयारियों से जुड़े कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि बैठक में वैक्सीन बनाने की भारत की मौजूदा निर्माण क्षमता का विस्तार करने और यहां से समूचे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करने का काम होगा।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। शुक्रवार देर शाम को भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के संगठन क्वाड के तहत होने वाली बैठक दुनिया से कोरोना महामारी को मिटाने की कोशिश में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होने जा रही है। बैठक एक तरह से कोरोना जैसी भावी महामारियों के खिलाफ एक निर्णायक गठबंधन बनाने का रास्ता भी साफ करेगा। इस गठबंध में अमेरिका की तकनीकी, भारत की मैन्यूफैक्चरिंग सुविधा और जापान के वित्तीय सहयोग का मुख्य तौर पर इस्तेमाल होगा जबकि आस्ट्रेलिया की तरफ से वित्तीय मदद के साथ ही दूसरे सहयोग मुहैया कराया जाएगा। बैठक की तैयारियों से जुड़े कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि बैठक में वैक्सीन बनाने की भारत की मौजूदा निर्माण क्षमता का विस्तार करने और यहां से समूचे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करने का काम होगा।
क्वाड चार देशों का नाटो जैसा ही संगठन
क्वाड के प्रमुखों यानी पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरीसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा के बीच भारतीय समयानुसार शाम 7 बजे वर्चुअल बैठक होने वाली है। क्वाड देशों के प्रमुखों की यह पहली बैठक होगी और इसे कई लिहाज से ऐतिहासिक माना जा रहा है। कई जानकार इसकी तुलना वर्ष 1957 में पेरिस में हुई नाटो (नार्थ अटलांटिक ट्रिटी आर्गेनाइजेशन) की पहली बैठक से कर रहे हैं। नाटो की वह बैठक सोवियत रूस के बढ़ते वर्चस्व से ऊपजी चुनौतियों के मद्देजनर अमेरिका, ब्रिटेन व फ्रांस की अगुवाई में हुई थी। आगे चल कर नाटो आधुनिक युग का सबसे बड़ा सैन्य सगंठन बन कर उभरा। गौरतलब है कि सितंबर, 2020 में अमेरिका के पूर्व उप विदेशी मंत्री स्टीफन बीगन ने कहा था कि क्वाड चार देशों का नाटो जैसा ही संगठन है।
बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था को सामान्य करने के उपाय भी हैं शामिल
अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि क्वाड के तहत कोरोना महामारी के खिलाफ अगर भारत में वैक्सीन बनाने का फैसला होता है तो उसके लिए अलग से ढांचागत क्षमता को स्थापित किया जाएगा। भारत की मौजूदा वैक्सीन निर्माण क्षमता पर असर नहीं होने दिया जाएगा ताकि यहां की घरेलू टीकाकरण अभियान पर कोई असर नहीं पड़े। इसके साथ ही नेताओं के एजेंडे में कोरोना से बाहर निकल कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को सामान्य करने और वैश्विक आर्थिक विकास दर को नए सिरे से तेज करने के उपाय करना भी शामिल है। कोरोना की वजह से वर्ष 2020-21 के दौरान वैश्विक इकोनॉमी में पिछले सौ वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट आने की आशंका जता चुकी है। दूसरी एजेंसियों ने भी कुछ इसी तरह की रिपोर्ट दी है। इस क्रम में क्वाड नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि कोरोना के बाद वैश्विक आर्थिक विकास दर को तेज करने में इन चारों देशों की क्या भूमिका हो सकती है।