दुष्कर्म मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ चल रही सुनवाई के प्रकाशन पर रोक
बिशप ने बंद कमरे में सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने पहले एक गवाह के बयान को मीडिया को लीक कर दिया था।
कोट्टायम, प्रेट्र। एक स्थानीय अदालत ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ चल रही दुष्कर्म मामले की सुनवाई के प्रकाशन और प्रसारण से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रोक दिया है। बिशप पर एक नन ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोपाकुमार ने कहा कि उनकी पूर्व अनुमति के बिना मामले की सुनवाई से जुड़ी किसी खबर का प्रकाशन या प्रसारण नहीं किया जाएगा। इसके तहत बहस और गवाहों द्वारा दिए गए साक्ष्यों के प्रकाशन पर रोक रहेगी।
अदालत ने यह आदेश मुलक्कल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। बिशप ने बंद कमरे में सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने पहले एक गवाह के बयान को मीडिया को लीक कर दिया था। इसके बाद मीडिया ने मामले के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा शुरू कर दी। जज ने कहा कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिससे पता चले कि अभियोजन पक्ष ने बयान मीडिया से साझा किया।
सात जुलाई के हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुलक्कल की दुष्कर्म के आरोप से मुक्त किए जाने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए उन्हें सुनवाई का सामना करने का निर्देश दिया था। पूर्व बिशप ने सात जुलाई के हाई कोर्ट फैसले को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपों से मुक्त किए जाने संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी थी। ऐसी ही मांग वाली एक याचिका मार्च में निचली अदालत ने भी खारिज कर दी थी।
गौरतलब है कि जालंधर डायोसिस के तत्कालीन बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ एक नन ने कोट्टायम में जून, 2018 में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता ने रोमन कैथोलिक चर्च के वरिष्ठ पादरी पर वर्ष 2014-16 के बीच यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। इसके बाद केरल पुलिस की एसआइटी ने मुलक्कल को गिरफ्तार कर लिया था।
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