एक महीने में दूर हो जाएगी कैश और सिक्कों की समस्या
कैश की किल्लत और सिक्कों की समस्या एक महीने के अंदर खत्म हो जाएगी। हजार और पांच सौ के पुराने नोटों का अब डिस्पोजल हो चुका है।
गोरखपुर (जागरण संवाददाता)। कैश की कमी और सिक्कों की बहुलता से उत्पन्न हुई समस्या का समाधान एक से डेढ़ माह में निकाल लिया जाएगा। कैश समस्या की मुख्य वजह दो हजार के नोटों की वापसी न होना है। आरबीआइ द्वारा जारी दो हजार रुपये के 25 फीसद नोट ही बैंक से लेकर बाजार तक दिख रहे हैं, जबकि 75 फीसद डंप हैं। यह जानकारी आरबीआइ के लखनऊ कार्यालय से आए महाप्रबंधक पंकज कुमार ने दी।
आरबीआइ के महाप्रबंधक कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को बैंक अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे। मीटिंग में सात बड़े बैंकों के डीजीएम, एजीएम व 11 जिलों के करेंसी चेस्ट आफिसर शामिल थे। बैंक अधिकारियों द्वारा अपनी समस्या रखने के बाद महाप्रबंधक आरबीआइ ने कहा कि 1000 व 500 के पुराने नोट का अब डिस्पोजल हो चुका है। शीघ्र ही कटे-फटे नोट व सिक्के मंगा लिये जाएंगे, इसमें एक से डेढ़ माह का समय लगेगा और कैश की भरपूर व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने सुझाव दिया कि हर जिले में कैश प्रबंधन के लिए सभी बैंक मिलकर एक बैंक को नोडल नामित कर लें और उसी के माध्यम से आरबीआइ को कैश की डिमांड भेजें, वह नोडल बैंक बताए कि इस जिले में कितने कैश की जरूरत है। इससे आरबीआइ को भी सहूलियत होगी और सभी बैंकों को अलग-अलग कैश की डिमांड नहीं करनी पड़ेगी।