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CBSE 12वीं के प्राइवेट छात्र भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, प्राइवेट, सेकेंड कंपार्टमेंट परीक्षा निरस्त करने की गुहार

सीबीएसई के 12वीं के प्राइवेट छात्र भी परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। प्राइवेट छात्रों की ओर से याचिका दाखिल कर लंबित मामले में पक्षकार बनाए जाने और प्राइवेट सेकेंड कंपार्टमेंट परीक्षा निरस्त किए जाने की मांग की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 09:05 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 10:01 PM (IST)
CBSE 12वीं के प्राइवेट छात्र भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, प्राइवेट, सेकेंड कंपार्टमेंट परीक्षा निरस्त करने की गुहार
सीबीएसई के 12वीं के प्राइवेट छात्र भी परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। सीबीएसई के 12वीं के प्राइवेट छात्र भी परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। प्राइवेट छात्रों की ओर से याचिका दाखिल कर लंबित मामले में पक्षकार बनाए जाने और प्राइवेट, सेकेंड कंपार्टमेंट परीक्षा निरस्त किए जाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्राइवेट छात्रों का रिजल्ट भी रेगुलर छात्रों की तरह ही मूल्यांकन प्रणाली के आधार पर घोषित किया जाए।

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वकील अभिषेक चौधरी के जरिये दाखिल की गई याचिका में सीबीएसई की 17 जून को जारी की गई रेगुलर छात्रों की मूल्यांकन नीति के क्लाज 29 का जिक्र किया गया है। क्लाज 29 कहता है कि सीबीएसई हालात ठीक होने पर प्राइवेट, पत्राचार और सेकेंड चांस कंपार्टमेंट छात्रों की परीक्षा कराएगा। इसका ब्योरा बाद में अधिसूचित किया जाएगा।

याचिका में इस क्लाज का हवाला देता हुए कहा गया है कि सीबीएसई प्राइवेट छात्रों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं कर रहा है जो कि गलत है। यह भी कहा गया है कि कोरोना महामारी के चलते परीक्षाएं कराना ठीक नहीं रहेगा। इससे छात्रों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ेगा। देश में कोरोना के हालात देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि कब तक स्थिति सुधरेगी।

यचिका में कहा गया है कि सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि क्लैट, नीट आदि परीक्षाओं की तारीख घोषित हो चुकी है। ऐसे में अगर प्राइवेट छात्रों की परीक्षाएं टली रहीं तो वे छात्र अन्य रेगुलर छात्रों की तरह राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इन परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे। ये उनके साथ नाइंसाफी होगी। साथ ही उन्हें संविधान में मिले बराबरी के हक का भी उल्लंघन होगा। इस स्थिति को देखते हुए कोर्ट याचिकाकर्ताओं को लंबित मामले में पक्षकार बनाए और उनका पक्ष भी सुने।

याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट सीबीएसई को आदेश दे कि वह 12वीं की प्राइवेट परीक्षा निरस्त करे। प्राइवेट छात्रों का रिजल्ट भी रेगुलर छात्रों की मूल्यांकन प्रणाली की तरह ही घोषित किया जाए। और इसी तरह 10वीं के प्राइवेट छात्रों का भी मूल्यांकन कर रिजल्ट घोषित किया जाए।


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