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MP में खुलेंगी निजी मंडियां, व्यापारियों को खरीद केंद्र की भी मिलेगी अनुमति, किसानों को मिलेगा लाभ

मध्य प्रदेश में जल्द ही निजी मंडियां स्थापित की जा सकेंगी। शिवराज सरकार इसके लिए अनुमति देने की तैयारी में है। अनुमति मिलने पर व्यापारी भी उसी तरह निजी खरीद केंद्र बनाकर किसानों से फसल खरीद सकेंगे जिस तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार फसल खरीद करती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:32 PM (IST)
MP में खुलेंगी निजी मंडियां, व्यापारियों को खरीद केंद्र की भी मिलेगी अनुमति, किसानों को मिलेगा लाभ
मध्य प्रदेश में जल्द ही निजी मंडियां स्थापित की जा सकेंगी।

भोपाल, राज्‍य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में जल्द ही निजी मंडियां स्थापित की जा सकेंगी। शिवराज सरकार इसके लिए अनुमति देने की तैयारी में है। अनुमति मिलने पर व्यापारी भी उसी तरह निजी खरीद केंद्र बनाकर किसानों से फसल खरीद सकेंगे, जिस तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार फसल खरीद करती है। भंडार गृह, साइलो केंद्रों में भी खरीद करने की अनुमति मिलेगी। इसके लिए डीम्ड अनुमति दी जाएगी। इसमें व्यापारियों को पंजीयन कराना होगा। किसानों के साथ कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए निगरानी और सुनवाई की तगड़ी व्यवस्था रहेगी।

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शीतकालीन सत्र में प्रदेश सरकार प्रस्तुत करेगी कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 का संशोधन विधेयक

मध्य प्रदेश सरकार कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में संशोधन करके यह प्रविधान लागू करने जा रही है। प्रदेश में केंद्र सरकार के मॉडल एक्ट के तहत मंडी अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया गया था, लेकिन यह विधेयक का रूप नहीं ले सका और निश्चित समय अवधि बीत गई। अब तय किया गया है कि 28 दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें केंद्रीय कानून के सभी बिंदु शामिल रहेंगे। इससे किसानों को यह फायदा होगा कि वे अपनी उपज कहीं भी बेच सकेंगे। वहीं, व्यापारियों को मंडियों के बाहर भी खरीद की अनुमति होगी। 

किसानों को होगा लाभ

केंद्र सरकार ने किसानों को उपज की वाजिब कीमत दिलाने और मंडी आने के चक्कर से मुक्ति दिलाने के लिए नए प्रविधान लागू किए हैं। इसमें कृषि उपज के मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के कदम उठाए गए हैं। अधिनियम में यह प्रविधान है कि किसान खेत, खलिहान, घर या निजी खरीद केंद्र से अपनी उपज व्यापारी को बेच सकता है। इस व्यवस्था में उसे मंडी या उपार्जन केंद्र में ही फसल बेचने के बंधन से मुक्ति मिलेगी। पंजीयन कराकर खरीद नीलामी के माध्यम से खरीद केंद्र और निजी मंडी में करनी होगी। व्यापारी सुविधा के अनुसार उपज खरीदेगा और बेरोकटोक कहीं भी भेजेगा। इसके लिए नाका व्यवस्था खत्म की जा चुकी है। अब तय किया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा मंडी अधिनियम में केंद्र सरकार के कानून के हिसाब से बदलाव करके लागू किया जाएगा। इसमें एक लाइसेंस पर प्रदेश में कहीं भी खरीद करने की पात्रता भी दी जाएगी।

अध्यादेश की जगह लाएंगे विधेयक

प्रस्तावित विधेयक के मसौदे को लेकर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस कृषि और मंडी बोर्ड के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि किसानों के हित में भाजपा सरकार लगातार कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रदेश में मंडियों को स्मार्ट मंडी में परिवर्तित किया जाएगा। अध्यादेश की जगह विधेयक लाने की तैयारी चल रही है। 

संचालक विपणन का पद बनेगा

प्रस्तावित मंडी अधिनियम में कृषि विभाग के अंतर्गत संचालक विपणन का नया पद बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। निजी मंडी, निजी खरीद केंद्र और डीम्ड मंडी की अनुमतियां एकल खिड़की व्यवस्था से दी जाएंगी। निगरानी व्यवस्था इसी संचालक के अंतर्गत रहेगी।

 

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