पीपीपी एयरपोर्ट परियोजनाओं से AAI को दूर रखना चाहते हैं निजी ऑपरेटर
एयरपोर्ट ऑपरेटरों की ओर से ये अनुरोध हवाई अड्डों के विकास के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई एक बैठक में किया गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हवाई अड्डों का संचालन करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों ने पीपीपी आधारित नई एयरपोर्ट परियोजनाओं में एयरपोर्ट अथारिटी को बोली लगाने से रोकने का सरकार से अनुरोध किया है।
निजी एयरपोर्ट आपरेटरों की संस्था प्राइवेट ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) पर आधारित किसी एयरपोर्ट परियोजना में एयरपोर्ट अथारिटी के बोली लगाने से परियोजना में निजी निवेश आने की संभावनाएं अवरुद्ध हो जाएंगी, जिससे निजी निवेश का उद्देश्य ही ध्वस्त हो जाएगा। यदि सरकार किसी हवाई अड्डा परियोजना को एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंपना चाहती है तो निजी क्षेत्र के साथ बोली लगाने का मौका देने के बजाय एयरपोर्ट अथॉरिटी को सीधे वो परियोजना सौंप देनी चाहिए।
एयरपोर्ट ऑपरेटरों की ओर से ये अनुरोध हवाई अड्डों के विकास के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई एक बैठक में किया गया। इसमें विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू मौजूद थे। हालांकि विमानन मंत्री ने एयरपोर्ट आपरेटरों को कोई आश्वासन नहीं दिया गया।
सूत्रों के अनुसार सरकार का मानना है कि वो किसी भी ऑपरेटर को बोली लगाने से नहीं रोक सकती। चाहे वो निजी क्षेत्र का ऑपरेटर हो या सार्वजनिक क्षेत्र का। वैसे भी एयरपोर्ट अथॉरिटी को तो किसी भी कीमत पर बोली लगाने से नहीं रोका जा सकता, क्योंकि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे चुनिंदा एयरपोर्ट को छोड़ देश के अधिकांश एयरपोर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी के बनाए हुए हैं और उसी के द्वारा उनका संचालन भी किया जा रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी तबसे इन एयरपोर्ट का निर्माण और संचालन कर रही है जब विमानन क्षेत्र में निजी क्षेत्र का कोई अस्तित्व नहीं था। निविदा प्रक्रिया में एयरपोर्ट अथॉरिटी को शामिल करने से निजी क्षेत्र से परियोजना की बेहतर कीमत भी प्राप्त होती है।
निजी क्षेत्र के साथ बोली की शुरुआत किए जाने के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सबसे पहले गोवा एयरपोर्ट के लिए निजी क्षेत्र के साथ बोली लगाई थी। ये अलग बात है कि जीएमआर ने बाजी मार ली है। हालांकि पिछले दिनो आंध्र प्रदेश के भोगापुरम एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की बोली को सर्वोत्तम पाई गई थी। लेकिन आंध्र प्रदेश सरकार ने बाद में इस बोली को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि राज्य सरकार ने भोगापुरम एयरपोर्ट को ज्यादा बड़े पैमाने पर विकसित करने का निर्णय लिया है, जिसमें एयरो सिटी और विमानन अकादमी का निर्माण शामिल है। इसलिए नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।