राष्ट्रपति के भाषणों का संग्रह 'लोकतंत्र के स्वर' तथा 'द रिपब्लिक इथिक्स' का हुआ विमोचन, रक्षा मंत्री ने बताया अमूल्य दस्तावेज
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की दो पुस्तकों द रिपब्लिकन एथिक और लोकतंत्र के स्वर का विमोचन किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि मेरे लिए राष्ट्रपति महोदय की इन पुस्तकों का विमोचन करना गौरव की बात है।
नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अब तक के कार्यकाल के भाषणों पर आधारित संग्रह 'लोकतंत्र के स्वर' और 'द रिपब्लिकन इथिक्स' का गुरुवार को विमोचन किया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति के भाषणों को समकालीन भारत को समझने का अमूल्य दस्तावेज बताया और कहा यह सदैव महत्वपूर्ण बनें रहेंगे। उनके भाषणों का यह संग्रह संदर्भ ग्रंथ के तौर पर उपयोग किया जाता रहेगा। ये लोकतंत्र के स्तर राष्ट्रपति जी के अन्तर्मन के स्वर भी है। मेरी दृष्टि से उनके भाषणों का यह संकलन उनके कृतित्व, व्यक्तित्व और जीवन मूल्यों का शब्द चित्र प्रस्तुत करता है।
राष्ट्रपति के भाषणों पर आधारित इस संग्रह के विमोचन के अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के जीवन को भारत के महान लोकतंत्र के प्रति उनके आस्था को और दृढ़ करने वाला बताया। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषणों के संग्रह का विमोचन करना उनके लिए प्रसन्नता का विषय है। वैसे भी जब किसी व्यक्ति की कथनी और करनी में एकरूपता होती है, तो उसके विचारों और अभिव्यक्तियों में सहजता, प्रमाणिकता और नैतिक बल स्पष्ट दिखाई देता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि मौके पर राष्ट्रपति के कानपुर में अपने विद्यालय के समारोह में शामिल होने की घटना का खासतौर पर जिक्र किया। रक्षा मंत्री ने बताया कि इस घटना में राष्ट्रपति मंच से नीचे उतरकर अपने अध्यापकों के पास गए और उनके चरण स्पर्श कर उन्हें सम्मानित किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि इन किताबों में भगवान बुद्ध, संत कबीर, महात्मा गांधी, बाबा साहब आंबेडकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का उल्लेख बार-बार मिलता है। अंत्योदय के प्रति राष्ट्रपति की निष्ठा हमेशा से ही रही है। उन्होंने इस मौके पर बड़े मन का बताया और कहा कि इसकी झलक उनके भाषाओं में मिलती है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि चाहे संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करना हो या चाहे संविधान सभा के मौके पर उनका उद्बोधन हो, चाहे महात्मा गांधी की 150वीं जयंति के मौके पर दिया गया उनका भाषण हो... इन पुस्तकों के एक संस्करण में दिए गए हैं। इन पुस्तकों में खास तौर पर राष्ट्रपति के कार्यकाल के तीसरे साल में दिए गए भाषण शामिल हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने कई बार देखा है कि राष्ट्रपति महोदय जो कहते हैं वह करते भी हैं। ये पुस्तकें भारत के वर्तमान युग की तस्वीर हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी राष्ट्रपति के संबोधनों का संकलन 'लोकतंत्र के स्वर' शीर्षक से हिंदी और 'दि रिपब्लिकन एथिक' शीर्षक से अंग्रेजी का प्रकाशन हुआ था। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति के भाषण संग्रह वाली इन पुस्तकों का विमोचन किया था। इन दोनों पुस्तकों में राष्ट्रपति के कार्यकाल के दूसरे साल के 95 संबोधनों का संकलन समावेशित था। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा था कि राष्ट्रपति कोविंद के भाषणों का संग्रह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक की झलक को दर्शाता है।