काशी में नक्सलियों की धमक
आतंकियों के साथ गठजोड़ कर चुके नक्सलियों ने काशी में पांच माह से डेरा डाल रखा है। निशाना हैं भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी। पाकिस्तानी आतंकियों के स्लीपिंग माड्यूल के रूप में काम करने वाले बांग्लादेशियों की झोपड़ियों में इन नक्सलियों ने शरण ले रखी है। नगर की रेकी करने के साथ्
वाराणसी [जासं]। आतंकियों के साथ गठजोड़ कर चुके नक्सलियों ने काशी में पांच माह से डेरा डाल रखा है। निशाना हैं भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी। पाकिस्तानी आतंकियों के स्लीपिंग माड्यूल के रूप में काम करने वाले बांग्लादेशियों की झोपड़ियों में इन नक्सलियों ने शरण ले रखी है। नगर की रेकी करने के साथ ही नक्सली राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर नजर रखे हैं। खुफिया एजेंसियां यहां मौजूद ऐसी दर्जनों बस्तियों की खाक छान रही हैं।
पुलिस महानिरीक्षक प्रकाश डी ने बुधवार को आला पुलिस अफसरों के साथ बैठक कर जमानत पर छूटे नक्सलियों की धरपकड़ का फरमान जारी कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार नरेंद्र मोदी की बनारस में बीस दिसंबर को रैली के बाद ही तय हो गया था कि वह यहीं से चुनाव लड़ेंगे। सुगबुगाहट के साथ सीमा पार गतिविधियां तेज हो गई और आतंकी संगठनों ने मोदी को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों की मदद ली। मीरजापुर, सोनभद्र में मौजूद नक्सली लगातार इंडियन मुजाहिदीन के संपर्क में थे। नक्सलियों की मदद से ही मोदी की पटना रैली में ब्लास्ट किया गया। बीते दिनों बिहार में नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। सूत्रों के अनुसार, नक्सली इस समय काशी से गुजरने वाली रेलवे लाइन के अगल-बगल और कुछ खास इलाकों में मौजूद बांग्लादेशियों की बस्तियों में डेरा डाले हैं। नक्सलियों और बांग्लादेशियों का रहन-सहन मेल खाता है जिससे फर्क करना मुश्किल है। खतरा होने पर ये ट्रेन पकड़कर निकल जाते हैं।