महात्मा गांधी की 150वीं जंयती मनाने की तैयारियां शुरू, पीएम ने ली बैठक
राष्ट्रपति भवन में आयोजन समिति के सभी सदस्यों की पहली बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। इस सिलसिले में राष्ट्रपति भवन में आयोजन समिति के सभी सदस्यों की पहली बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के विचारों को जीवन में उतारने और उसे जन-जन तक पहुंचाने पर जोर दिया। वहीं सुषमा स्वराज ने सभी 193 देशों में इस अवसर कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा उपस्थित नहीं थे।
आयोजन समिति की पहली बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी जैसे महापुरुष को सिर्फ सम्मान देना काफी नहीं है, बल्कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आम लोगों के जीवन का हिस्सा बने। सूत्रों के अनुसार बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को सिर्फ खानापूर्ति की तरह नहीं, एक जनआंदोलन की तरह मनाना चाहिए। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि महात्मा गांधी ने देश के लिए अपनी जान दे दी। उन्होंने एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे हमारी पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले रही है और जीवंत लोकतंत्र में रह रहे हैं।
आयोजन समिति की बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी की अहमियत सिर्फ भारत को राजनीतिक आजादी दिलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने आर्थिक, सामाजिक, जातिगत व धार्मिक सभी तरह का भेदभाव खत्म कर बेहतर भारत के निर्माण की राह भी दिखाई थी। जब हम महिलाओं, बच्चों, दलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए काम करते हैं, तब महात्मा गांधी को सम्मान दे रहे होते हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव दिया कि इस दौरान आयोजन समिति के मातहत एक छोटी समिति का गठन किया जाना चाहिए ताकि उसकी बैठक जल्दी-जल्दी हो और त्वरित फैसले लिये जा सके। उनका कहना था कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की तैयारियों के सिलसिले में आयोजन समिति की लगातार मिलना चाहिए। बुधवार को भी 124 सदस्यीय आयोजन समिति की बैठक में 84 सदस्य ही मौजूद थे। दक्षिण में तमिलनाडु को छोड़कर केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने राजनीतिक कारणों से अनुपस्थिति की सूचना दी थी।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अहिंसा शब्द को संविधान की प्रस्तावना में शामिल करने का सुझाव दिया। जबकि महबूबा मुफ्ती ने जयंती वर्ष के दौरान पूरे देश में अहिंसा और सहिष्णुता को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया। नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने पहले ही बापू आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। ममता बनर्जी ने बापू की जयंती को दो अक्टूबर 2018 से दो अक्टूबर 2019 तक एक साल मनाने के बाद इसे दो अक्टूबर 2020 तक दो साल तक मनाने का सुझाव दिया। सुषमा स्वराज ने बताया कि विदेश मंत्रालय पहले ही महात्मा गांधी जयंती की अवसर दुनिया के सभी 193 देशों में कार्यक्रम करने की तैयारी कर रही है।