सरकार की सभी वाहनों में FasTag अनिवार्य करने की तैयारी, 1 जनवरी से हर गाड़ी पर होगा जरूरी
इसके लिए सरकार ने पहली दिसंबर 2017 से पूर्व बने वाहनों के लिए भी फास्टैग अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रही है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अगले वर्ष पहली जनवरी से पुराने वाहनों पर भी फास्टैग अनिवार्य हो सकता है। टोल प्लाजा पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सभी वाहनों पर फास्टैग लगाना अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने पहली दिसंबर, 2017 से पूर्व बने वाहनों के लिए भी फास्टैग अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रही है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक मसौदा अधिसूचना में कहा कि पहली दिसंबर, 2017 से पूर्व बिके वाहनों के लिए भी फास्टैग अनिवार्य बनाने के बारे में सभी साझेदारों से सलाह मांगी गई है। सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 में यह प्रस्तावित बदलाव अगले वर्ष पहली जनवरी से अस्तित्व में लाने का प्रस्ताव रखा गया है। वहीं, नया थर्ड पार्टी बीमा लेने के लिए भी वैध फास्टैग अगले वर्ष पहली अप्रैल से अनिवार्य करने का विचार है।
क्या है फास्टैग ?
फास्टैग एक छोटी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। ये किसी क्रेडिट या डेबिट कार्ड जैसा है। हालांकि, ये आकार में क्रेडिट कार्ड से आधा या उससे छोटा भी होता है। इसे कार के आगे वाले शीशे पर लगाया जाता है। इसमें एक चिप लगी होती है जिसके अंदर आपके वाहन से संबंधित सारी जानकारी मौजूद रहती है। जैसे ही आप टोल प्लाजा पर जाएंगे आपके वाहन से जुड़ी सारी जानकारी दर्ज हो जाएगी। टोल प्लाजा पर फास्टैग की सूचना एकत्र करने वाले उपकरण लगे होते हैं फास्टैग जैसे ही कैमरे का सामने आएगा। सारी सूचना इकट्ठा हो जाएगी। इसके सहारे से आप टोल पर बिना किसी व्यक्ति के संपर्क में आए टोल फी दे सकते हैं।
कोरोना काल में काफी मददगार
कोरोना को फैलने से रोकने में भी फास्टैग एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। फास्टैग के कारण टोल प्लाजाओं पर अधिकांश टोल संग्रह बिना मानवीय संपर्क के हो रहा है। लगभग 70 फीसद टोल संग्रह फास्टैग के जरिये होने से रोजाना तकरीबन लाखों वाहन चालक टोल प्लाजा कर्मियों के साथ कैश, कार्ड तथा पेपर स्लिप के लेनदेन के बगैर राजमार्गो पर आवाजाही कर रहे हैं। इससे वाहन चालकों के साथ-साथ टोल कर्मी भी कोरोना के संक्रमण से काफी हद तक सुरक्षित हैं।